भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए ईज़ सुधार सूचकांक पर रिपोर्ट के अनुसार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया दूसरे स्थान पर है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ग्राहक सुविधा के लिए विभिन्न डिजिटल और डिजिटल आधारित कार्यों को सुगम बनाने, डिजिटल रूप से सक्षम होने के साथ-साथ ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता प्रदान करने, समावेशी घर के निकट सेवा प्रदान करने, क्लाउड प्रौद्योगिकियों को अपनाने, स्वचालित और लागत एवं गुणवत्ता में उत्कृष्टता, लोगों के विकास और मानव संसाधन के संचालन को बढ़ाने के लिए नए परिचालन मॉडल से संबंधित क्षेत्रों में अच्छा कार्यनिष्पादन कर रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कार्यनिष्पादन ईज़ 6.0 के तहत चार विषयों पर मापा जाता है, जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने दो विषयों के तहत सफलतापूर्वक प्रथम रैंक हासिल की है, अर्थात, “डिजिटल सक्षमता के साथ ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता प्रदान करना”,”लोगों का विकास करना और मानव संसाधन के संचालन को बढ़ाना” और दो विषयों में दूसरे स्थान पर रहा, यानी “डिजिटल और एनालिटिक्स-संचालित कारोबार सुधार”, “टेक और डेटा सक्षम क्षमता का निर्माण”।
संवर्धित पहुंच एवं सेवा उत्कृष्टता (ईज़) पीएसबी सुधार एजेंडा के हिस्से के रूप में वित्तीय सेवाएं विभाग (भारत सरकार) की एक पहल है और वर्तमान में अपने छठे पुनरावृत्ति के तहत है जो “आधुनिक क्षमताओं द्वारा सक्षम ग्राहक-अनुकूल बैंकिंग” पर केंद्रित है।