• “पायो जी मैने राम रतन धन पायो” भजन सुनकर श्रोता भक्ति भाव में डूबे
अयोध्या। रामायण मेला समित द्वारा 42वे रामायण मेला के चुतर्थ दिवस के रामलीला के मंचन में विनोद कुमार झा की लीला में परशुराम लक्ष्मण संवादौर राम विवाह का मंचन हुआ । प्रवचन सत्र का शुभारम्भ जगतगुरु राघवाचार्य महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
उन्होने कहा कि “रामायण भगवान का अब चरित्र है, भगवान कहते एक बार परपण हो कर अपना कहो तो मैं अभय कर दुंगा, भगवान के नाम के लिए ना दीक्षा लेने की जरूरत है ना दक्षिणा की, भगवान राम का नाम एक बार ले लिया जो तो जीव के सारे पाप नष्ट हो जाते है” तत्पश्चात करपात्री महाराज ने कहा कि “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो”, अगले क्रम में लक्ष्मण दास महाराज, महंत राम कुमार दास, गोविंद दास महाराज व मोती लाल शास्त्री ने प्रवचन किया।
मंच का संचालन कमलेश सिंह ने किया तत्पशात सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर के किया। उसके उपरांत तुलसी दल पत्रिका का विमोचन किया।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम में अशोक पांडेय ने पंच नाद में राम यात्रा के विवरण को भजनों के माध्यम से सुनाया अगले क्रम में जय श्री आचार्य की टीम ने मनमोहक कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया सांस्कृतिक संध्या के अंतिम कार्यक्रम में लोकप्रिय लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भगवान राम विवाह पर आधारित रुघुबीरा व लोक भजनों की प्रस्तुति से लोगो को मंत्र मुग्ध किया।
कार्यक्रम में रामायण मेला समिति के एसएन सिंह, नंद कुमार मिश्र पेड़ा महराज, कमलेश सिंह, संयोजक आशीष मिश्रा, कमलेश सिंह, जनार्दन उपाध्याय, संस्कृति विभाग से कमलेश कुमार पाठक आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह