यह बात हम सभी जानते है कि 21वीं सदी में की गई खता मानव सभ्यता को फिर से पाषाण युग में लौटा देगी. खता ऊर्जा के श्रोतों का अंधाधुंध दोहन करने की, खता उनके संरक्षण की कोशिश न करने की. ऊर्जा संरक्षण की कोशिश इस गलती को सुधारने का सिर्फ एक मौका और दे सकती है. बस जरूरत है गंभीर होने की.
हम आपको बता दें कि ऊर्जा संरक्षण बेहद आसान है. बस जरूरत है छोटी-छोटी बातों को आदत बनाने की. लंबे समय से लोगों को जागरुक करने में जुटे इंस्टीट्यूट ऑफ इएचएस स्टडीज के चेयरमैन एसके सूरी कहते है कि 22वीं सदी आते-आते ऊर्जा के प्रमुख श्रोत पेट्रोल, डीजल और गैस लगभग खत्म हो चुके होंगे. यदि इनका अनावश्यक दोहन न रोका गया तो मनुष्य एक बार फिर पाषाण युग की ओर लौटने को मजबूर हो जाएगा. यदि हम अपनी दिनचर्या में होने वाले कामों पर ही जरा सा ध्यान दे दें तो ऊर्जा का खासा भंडार बचाया जा सकता है.
रसोई गैस बचाने के टिप्स
– भोजन पकाते समय बर्तन ढक कर रखें.
– गैस को हल्का जलाएं.
– पकाने से पहले फ्रिज में रखा सामान निकालकर उसे सामान्य तापमान पर लाएं. फिर इस्तेमाल करें.
– प्रेशर कुकर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें.
पेट्रोल-डीजल बचाने के तरीके
– वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें. निजी वाहनों से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें.
– सप्ताह में कम से कम एक दिन साइकिल चलाएं.
– ऑफिस या समारोह में जाते समय व्हीकल शेयरिंग करें.
-भीड़भाड़ वाले स्थानों पर वाहन लेकर न जाएं और जाम या लालबत्ती होने पर वाहन बंद कर लें.
– सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाएं.
बिजली बचाने के उपाय
– जरूरत न होने पर पंखा, बल्ब और ट्यूबलाइट बंद कर दें.
– सीएफएल का ही अधिक से अधिक इस्तेमाल करें.