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क्या है याकूजा, जिसके सरगना ने करवाई परमाणु सामग्री की तस्करी, जापान में यह कैसे बना जुर्म का पर्याय?

जापान का कुख्यात माफिया गैंग ‘याकूजा’ एक बार चर्चा में है। दरअसल, बुधवार को याकूजा के सरगना पर अमेरिका में गंभीर आरोप तय हुए हैं। अमेरिकी अदालत में याकूजा के सरगना तकेशी इबीसावा को परमाणु सामग्री की तस्करी की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है। दावा है कि इबिसावा ने म्यांमार से यूरेनियम और हथियारों के स्तर का प्लूटोनियम अन्य देशों तक पहुंचाने की साजिश रची।

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क्या है याकूजा, जिसके सरगना ने करवाई परमाणु सामग्री की तस्करी, जापान में यह कैसे बना जुर्म का पर्याय?

हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब याकूजा संगठन की काली करतूत सामने आई है। साल 2021 में सिंडिकेट के तत्कालीन मुखिया सटोरू नोमुरा को मौत की सजा दी गई थी। नोमुरा पर चार हमले करवाने का आरोप था। आइये जानते हैं कि याकूजा संगठन अभी क्यों चर्चा में हैं? आखिर क्या है याकूजा गैंग? क्या संगठन से जुड़े लोग पहले भी गंभीर अपराधों में लिप्त मिले हैं?

याकूजा संगठन अभी क्यों चर्चा में हैं?

जापान के याकूजा संगठन के मुखिया तकेशी इबीसावा पर अमेरिकी न्याय विभाग के एक नया अभियोग लगाया है। तकेशी पर म्यांमार में एक विद्रोही गुट के नेता से हथियार स्तर की परमाणु सामग्री बेचने की कोशिश करने का आरोप लगा है।

याकूजा के सरगना को साल 2022 में नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी की साजिशों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इबीसावा पर परमाणु सामग्री बेचने का प्रयास करने के लिए कई नए आरोप लगे हैं। नए अभियोग के अनुसार, एबीसावा ने 2020 में ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के एक गोपनीय सूत्र और एक अंडरकवर डीईए एजेंट को बताया था कि उसके पास परमाणु सामग्री तक पहुंच है जिसे वह बेचना चाहता था। तकेशी ने यह भी पूछा था कि क्या उनके पास यूरेनियम के लिए कोई खरीदार है।

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कहा जाता है कि अंडरकवर एजेंट एबीसावा को सामग्री को एक अन्य गोपनीय सूत्र को बेचने में मदद करने के लिए राजी हुआ। अभियोग के अनुसार, यह गोपनीय सूत्र खुद को ईरान का जनरल बता रहा था। उस दौरान एजेंट ने एबीसावा से पूछा कि क्या इस सामग्री को परमाणु हथियारों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, तो उसने कहा कि ईरान को परमाणु हथियारों के लिए इसकी आवश्यकता है। एबीसावा ने कहा, ‘मैं ऐसा सोचता हूं।’

2022 में थाई एजेंसी ने परमाणु नमूने बरामद किए

साल 2021 में एबीसावा ने अंडरकवर एजेंट को बताया कि म्यांमार में विद्रोही गुट का नेता यूरेनियम सहित परमाणु सामग्री बेच सकता है। यह सौदा हथियारों की खरीद के लिए पैसे जुटाने के लिए काल्पनिक ईरानी जनरल के जरिए तय हुआ।

विद्रोही नेता के दलालों ने दावा किया कि उनके पास हजारों किलोग्राम परमाणु सामग्री है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि नेता के प्रभाव वाले इलाके में पांच टन तक परमाणु सामग्री का उत्पादन किया जा सकता है। वीडियो कॉल के दौरान अंडरकवर एजेंट ने ईरान से हथियारों के बदले यूरेनियम के आदान-प्रदान के बारे में पूछा। इस पर दलाल और नेता दोनों राजी हो गए।

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अभियोग में कहा गया है कि 2022 में थाईलैंड की एजेंसी ने दलालों द्वारा एजेंट को दिखाए गए परमाणु नमूने बरामद किए और उन्हें अमेरिका भेज दिया। बाद में नमूनों की जांच में पाया गया कि उनमें यूरेनियम, थोरियम और प्लूटोनियम थे। इसके साथ ही प्लूटोनियम हथियार स्तर का था।

नमूनों में पाए गए प्लूटोनियम के बारे में भी अभियोग में जिक्र है। कहा गया कि यदि पर्याप्त मात्रा में प्लूटोनियम का उत्पादन किया जाए, तो यह परमाणु हथियार में इसका उपयोग हो सकता है।

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