लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि भाजपा शासन में केवल भाषणों में किसान को खुशहाल बताया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि इस सरकार को किसानों की दशा से कुछ भी लेना देना नहीं है। इसका नतीजा रहा कि किसानों एक वर्ष पहले विधानसभा के सामने सड़कों पर आलू फेककर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। इसके पीछे वजह यह थी कि किसानों को आलू की कीमत उतनी भी नहीं मिल पा रही थी जितनी कि कोल्ड स्टोरेज में रखने की होती है।
490 रूपये का मनी आर्डर देश के प्रधानमंत्री को
डाॅ0 अहमद ने कहा कि उस घटना से भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोई सबक नहीं लिया। इस वर्ष भी प्रदेश का आलू किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है। किसान के द्वारा 490 रूपये का मनी आर्डर देश के प्रधानमंत्री को भेजना प्रदेश सरकार के मुंह पर तमाचा है। सरकार का कर्तव्य भोले भाले किसानों के वोट लेने तक नहीं है,बल्कि उनको दिखाये गये सब्जबाग को भी पूरा करना है।
खुले बाजार में धान बेचने को मजबूर
प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों का मजाक उड़ाया है,जिसकी चर्चा कई महीनों तक चलती रही। इस वर्ष भी सरकार द्वारा खोले गये धान क्रय केन्द्रों की कारगुजारियों से धान किसानों ने परेशान होकर खुले बाजार में धान बेचना ज्यादा उचित समझा। अब आलू किसान अपने आलू की कीमत लागत से भी कम पा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री लागत मूल्य से डेढ गुना देने का प्रचार प्रसार सिर्फ चैनलों और अखबारों के माध्यम से करने में व्यस्त हैं।
किसान आशा भरी नजरों से राष्ट्रीय लोकदल
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसान की पीड़ा को सिर्फ चौधरी चरण सिंह ही बखूबी समझते थे क्योंकि खुद वो एक किसान थे। यही कारण है कि आज किसान उनको याद करते हुए आशा भरी नजरों से राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ0 अजित सिंह व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की तरफ देख रहा है। आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में देश एवं प्रदेश का किसान, किसान विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठा है।