नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों एवं मण्डल रेल प्रबंधकों के साथ उत्तर रेलवे की कार्य-प्रगति की समीक्षा की। बडौदा हाऊस में हुई इस बैठक में संरक्षा प्रोटोकॉल बढाने और कर्मचारियों एवं यात्रियों दोनों की संरक्षा के मानकों को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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बैठक के दौरान, चौधुरी ने संरक्षा के प्रति उत्तर रेलवे की दृढ प्रतिबद्धता पर बल देते हुए संरक्षा उपायों को बेहतर बनाने और उनकी निरंतर समीक्षा के महत्व को रेखांकित किया। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने मौजूदा संरक्षा प्रक्रियाओं, संभावित जोखिमों तथा संरक्षा जागरूकता की संस्कृति को प्रोत्साहन देने पर बल दिया। समीक्षा बैठक के दौरान, इमरजेंसी रिस्पांस प्रोटोकॉल, कर्मचारी प्रशिक्षण, अनुरक्षण शैड्यूल तथा नई संरक्षा तकनीकों के क्रियान्वयन जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया।
महाप्रबंधक ने बल देकर कहा कि रेल ज्वाइंटों और वैल्डों के परीक्षण और ल्यूबरिकेशन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने रात्रिकालीन गश्तों एवं निरीक्षणों को बढ़ाने के निर्देश दिए। ट्रैक के रखरखाव की स्थिति, जोड़ों के वेल्ड और सिग्नलिंग सिस्टम पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने विभिन्न दोहरीकरण कार्यों और नई लाइनों की निर्माण परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों से कार्य में तेजी लाने के लिए कहा।
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महाप्रबंधक ने क्रू-चेंजिंग प्वाइंटों पर क्रू-चेंज के कारण रेलगाडि़यों के रूके रहने का जायजा लिया और मंडलों को निर्देश दिए कि क्रू-चेंजिंग न्यूनतम सम्भावित समय में पूरा किया जाये ताकि इस कारण रेलगाडि़यों के चलने में होने वाले विलम्ब को रोका जा सके। उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालनबद्धता बनाए रखने और संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मालभाड़ा लदान की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए। उत्तर रेलवे अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, सुगम और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी