दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इधर, हमास और इस्राइल बीते आठ महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने फिलस्तीन के लिए श्रीलंका के अटूट समर्थन को दोहराया है।
अलग फलस्तीनी राज्य स्थापित करने पर दिया जोर
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि भले ही इस समय श्रीलंका के आर्थिक हालात ठीक नहीं चल रहे, इसके बाद भी सरकार ने गाजा के बच्चों के भविष्य के लिए दस लाख डॉलर एकत्र किए हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने श्रीलंका के पूर्वी प्रांत के कट्टनकुडी में गाजा के लोगों के लिए इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि फलस्तीन और इस्राइल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर श्रीलंका का रुख कभी नहीं बदलेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संघर्ष में नागरिकों की हत्या हर हाल में बंद होनी चाहिए। विक्रमसिंघे ने पांच वर्षों के भीतर एक अलग फलस्तीनी राज्य स्थापित करने की बात पर भी जोर दिया। उन्होंने आगे कहा ‘इस्राइल की सुरक्षा चिंताओं से इतर फलस्तीन की परेशानियों का हल निकाला जाना चाहिए।’
अबतक इतने लोग मारे गए
युद्ध शुरू होने के बाद से फलस्तीन के करीब 37,000 लोग मारे गए हैं और 80,643 अन्य घायल हुए हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि आईडीएफ ने गाजा पट्टी में आठ नरसंहार किए। इसमें आगे कहा गया है कि कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं या सड़कों पर हैं। इसलिए एंबुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल उन तक नहीं पहुंच सकते। उधर, रॉयटर्स ने जानकारी दी कि राफा में इस्राइली हमलों में कम से कम 20 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राफा पर इस्राइल के हवाई हमले में 22 लोग मारे गए हैं, जो शिविरों में रह रहे थे। सीएनएन के मुताबिक, मृतकों का यह आंकड़ा बढ़कर 35 हो गया है।