पाकिस्तान ने ढाई साल की देरी के बाद आखिरकार करतारपुर कॉरिडोर जीरो लाइन पर 420 मीटर लंबा पुल पूरा कर लिया है। करतारपुर प्रबंधन इकाई के उप सचिव सैफुल्लाह खोखर ने बताया कि करतारपुर पुल की जरूरत जीरो लाइन क्षेत्र में बाढ़ की आशंका के कारण पैदा हुई थी, जिसमें गुरुद्वारा दरबार साहिब के आगंतुकों के लिए सुरक्षित मार्ग के निर्माण के महत्व पर जोर दिया गया।
भारत अपने हिस्से का बनाए पुल- खोखर
सैफुल्लाह खोखर ने आगे कहा, कि हमने जीरो लाइन करतारपुर कॉरिडोर पर अपनी तरफ से पुल का निर्माण पूरा कर लिया है। अब भारत पर निर्भर है कि वह पुल के अपने हिस्से, खासकर 10 फीट विवादित हिस्से का निर्माण पूरा करे। उन्होंने कहा, कि भारत की तरफ से पुल निर्माण पूरा होने के बाद पुल चालू हो जाएगा।
कई वजहों से रुका पुल का निर्माण कार्य
इससे पहले, बाढ़ की घटनाओं के कारण करतारपुर साहिब में आगंतुकों की आवाजाही को बाधित हो गई थी। बता दें कि 420 मीटर लंबे पुल के निर्माण को पूरा करने की पहली समय सीमा दिसंबर 2021 थी। हालांकि, कुछ वित्तीय बाधाओं और राजनीतिक मुद्दों के कारण पुल का निर्माण कार्य अस्थायी रूप से रुक गया था।
कई संस्थाओं ने निर्माण में किया सहयोग
वहीं सार्वजनिक विकास कोष ने इस परियोजना को 4.53 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की अनुमानित लागत के साथ वित्त पोषित किया। जबकि फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) और नेशनल इंजीनियरिंग सर्विसेज ऑफ पाकिस्तान (नेसपाक) ने निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए सहयोग किया।
2019 में इमरान खान ने किया था उद्घाटन
बता दें कि 2019 के नवंबर महीने में, तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक समारोह में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिससे भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए बिना वीजा के पाकिस्तान में अपने धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक पर जाने का रास्ता साफ हो गया। 4 किलोमीटर लंबा करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अंतिम विश्राम स्थल है।