नई दिल्ली। केरल के वायनाड में भूस्खलन में से सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए। इसे लेकर केंद्र सरकार और केरल सरकार के बीच मौसम की चेतावनी के मुद्दे पर बयानबाजी भी देखने को मिली। एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि केरल में पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, तो केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शाह के आरोपों को खंडन किया।
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इस बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) प्रमुख मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए रेड अलर्ट यानी अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान भारत के पश्चिमी तट में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था।
‘केरल के लिए 30 जुलाई की सुबह जारी किया था रेड अलर्ट’
बुधवार को राज्य सभा में अमित शाह ने कहा था कि केरल सरकार ने प्राकृति आपदा को लेकर पूर्व में दी गई मौसम की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। आपको बता दें 30 जुलाई की सुबह केरल के वायनाड जिले में आए भूस्खलन की वजह से अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, केरल के सीएम पिनरई विजयन का दावा है कि आईएमडी ने वायनाड जिले में भूस्खलन से पहले केवल ऑरेंज अलर्ट यानी भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। उन्होंने आगे कहा कि वायनाड जिले में मौसम के पूर्वानुमान से कहीं अधिक, 572 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई थी।
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने क्या कहा?
आईएमडी प्रमुख महापात्र का कहना है कि मौसम विभाग ने 18 जुलाई और 25 जुलाई को भारत के पश्चिमी तय के लिए भी अत्यधिक बारिश को लेकर विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था। महापात्र के अनुसार, ‘25 जुलाई को मौसमम विभाग ने भारत के पश्चिमी तट और मध्य भारत में अच्छा बारिश का विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था। यह पूर्वानुमान एक अगस्त तक के लिए जारी किया गया था। हमने 25 जुलाई को यलो अलर्ट जारी किया था, जो 29 जुलाई तक जारी रहा, जब तक कि हमने ऑरेंज अलर्ट जारी नहीं किया। इसके बाद, 30 जुलाई की सुबह अत्यधिक भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई। हमें उम्मीद थी यह बारिश 20 सेंटीमीटर तक हो सकती है।’