नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशें लागू ने होने पर राज्यों को मुख्य सचिव और वित्त सचिवों को तलब कर लिया है। हालांकि कई राज्यों ने न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन कर लिया है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन राज्यों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, मेघालय और हिमाचल प्रदेश ने न्यायिक आयोग की सिफारिशों के तहत न्यायिक अधिकारियों के लिए भत्ते आदि का एलान कर दिया है। जिन राज्यों ने सिफारिशों को मान लिया है, उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी।
सिफारिशों के अनुपालन को लेकर राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किए हैं। इन हलफनामों पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस लेते हुए कहा कि मुख्य और वित्त सचिवों को अब अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमें भी वित्त और मुख्य सचिवों को बुलाने में कोई आनंद नहीं आ रहा है, लेकिन राज्यों को वकील लगातार सुनवाई से दूर हैं।
आबकारी नीति मामले में विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया, क्योंकि ईडी के वकील ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। शीर्ष अदालत ने नायर की याचिका पर 12 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था। पीठ ने इस दौरान ये भी कहा था कि नायर दो साल से हिरासत में हैं।
इससे पहले, पिछले साल 3 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नायर ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के विभिन्न होटलों में कुछ अन्य सह-आरोपियों, शराब निर्माताओं और वितरकों से मुलाकात की, ताकि ‘हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से अवैध धन’ की व्यवस्था की जा सके, जिसे आप को रिश्वत के रूप में दिया गया था।