पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद बांग्लादेश में अवामी लीग सरकार के मंत्रियों और सांविधानिक संस्थाओं के प्रमुखों के इस्तीफे का दौर जारी है। राष्ट्रपति शाहबुद्दीन के सदन को भंग करने के चार सप्ताह बाद सोमवार को बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। उन पर हाल ही में देश में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सर्राफाकर्मी की हत्या का आरोप लगा था। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा।
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत अवामी लीग के नेताओं और पूर्व कैबिनेट के मंत्रियों के खिलाफ लगातार हत्या के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। संसद के उपाध्यक्ष मोहम्मद यूनुस समेत कई नेता भ्रष्टाचार और हत्या के मामलों में पहले से जेल में हैं। ढाका की अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आठ मंत्रियों और आठ सांसदों को बांग्लादेश छोड़ने से रोक दिया है। इसी कड़ी में बांग्लादेश संसद की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी पर हत्या का आरोप लगा है।
उनके इस्तीफे के बाद सांविधानिक स्थिति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। उनको हाल ही में नई संसद के सदस्यों को शपथ दिलानी थी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि चौधरी को उनके इस्तीफे के बावजूद 13वीं संसद के सदस्यों को पद की शपथ दिलाने के लिए अध्यक्ष माना जाएगा। क्योंकि बांग्लादेश संसद में प्रावधान है कि यदि राज्य का प्रमुख इस्तीफा दे देता है या पद रिक्त हो जाता है तो अध्यक्ष राष्ट्रपति के कर्तव्यों का भी निर्वहन करेगा। प्रमुख सांवधानिक विशेषज्ञ शाहदीन मलिक बताते हैं कि चौधरी के इस्तीफे और डिप्टी स्पीकर के जेल जाने के बाद देश में राजनीतिक कारावास की स्थिति बन गई है।