सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य की उस याचिका पर अपना फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया जिसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती दी गई थी।
एनसीएलएटी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखते हुए इसका स्वामित्व जालान कलरॉक गठजोड़ (जेकेसी) को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। अपीलकर्ता बैंकों व अन्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन पेश हुए और कलरॉक गठजोड़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया।
एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी इस एयरलाइन की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिन के भीतर स्वामित्व हस्तांतरण पूरा करने का निर्देश दिया।