निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की ‘पैरोल इन प्लेस’ नीति की वैधता गुरुवार को एक संघीय न्यायाधीश की तरफ से रद्द करने के बाद काफी हद तक बदल गई। इस आव्रजन कार्यक्रम ने अमेरिकी नागरिकों के कुछ अवैध जीवनसाथी को कानूनी दर्जा दिया था।
सिविल एवं आर्किटेक्चर के छात्रों के लिए एकेटीयू में स्थापित होगा सेंटर आफ एक्सीलेंस
डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर बड़ी वापसी के संकेत
अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज जे. कैंपबेल बार्कर ने एक फैसला सुनाया जो हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के तुरंत बाद आया। यह फैसला डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर बड़ी वापसी का संकेत है। दरअसल बाइडन प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में ‘परिवारों को एकजुट रखने’ की नीति की घोषणा की थी ताकि मिश्रित-स्थिति वाले परिवारों में एकता को बढ़ावा दिया जा सके। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से जो बाइडन की इस नीति को झटका लगा है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में नियुक्त जज का बड़ा फैसला
जज जे. कैंपबे बार्कर, जिन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में नियुक्त किया था, ने निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की एक प्रमुख नीति को खत्म कर दिया। ये नीति कुछ ऐसे अवैध आप्रवासियों को सुरक्षा प्रदान करती थी जो अमेरिकी नागरिकों के जीवनसाथी थे, और उन्हें अमेरिका में कानूनी रूप से काम करने की अनुमति भी देती थी ताकि वे धीरे-धीरे नागरिकता की ओर बढ़ सकें।
Please watch this video also
बता दें कि बाइडन प्रशासन की इस नीति के तहत 10 साल से अमेरिका में बिना किसी गंभीर अपराध के रह रहे लोगों को भी शामिल किया गया था। इसके अलावा, यह सुरक्षा उन अवैध आप्रवासियों के सौतेले बच्चों पर भी लागू होती, जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक हैं।