आगरा: आगरा में पशुओं की नकली दवा बनाने के लिए जीजा-साले पुरानी मशीनों का इस्तेमाल करते थे। इनकी खरीद हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड से खरीद करते थे। दवाएं बनाने के लिए कच्चा माल मुंबई और दिल्ली से मंगाते थे। इसमें एजेंट मदद करता था, जिसको तय कमीशन मिलता है।
पुलिस ने बताया कि अश्वनी और सौरभ से पूछताछ में जानकारी मिली कि दवाएं, इंजेक्शन बनाने के लिए कच्चा माल मुंबई और दिल्ली से खरीद करते थे। कूरियर सर्विस और पार्सल के जरिये कच्चा माल आता था। जिस दवा की मांग अधिक होती थी, उसी के आधार पर इनको मंगवाते थे।
खाली बोतल, शीशी, रैपर, प्रिंटिंग मशीन, मिक्चर प्लांट समेत अन्य मशीनों की खरीद हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड की बंद हुई फैक्टरी और रिटायर्ड की जाने वाले मशीनों को खरीदते थे। ये कार्य एजेंट के जरिये होता था, जिनका कच्चा माल और मशीनरी उपलब्ध कराने पर कमीशन तय था।
सात जिलों की औषधि विभाग की टीम जांच में जुटी
पुलिस और औषधि विभाग की टीम ने दोनों फैक्टरी पर छापा मारा। यहां दवाओं का भंडारण देख 7 जिलों से औषधि विभाग की टीम बुलाई। इसमें आगरा मंडल से मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और अलीगढ़ मंडल से दो और कानपुर के औषधि विभाग की टीम बुलानी पड़ी। अभी कार्रवाई चल रही है।