कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी भड़क गई है। उसने आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया।
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सूत्रों के अनुसार, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्यसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 187 के तहत दायर किया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में अमित शाह ने कहा था कि ‘अभी एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। आंबेडकर का नाम सौ बार लें, लेकिन आंबेडकर के बारे में कांग्रेस पार्टी का भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।’
शाह ने कहा था, ‘डॉ. आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया था। उन्होंने अनुसूचित जनजातियों से व्यवहार, अनुच्छेद 370 और देश की विदेश नीति से नाराजगी के चलते इस्तीफा दे दिया था। इस पर बीसी रॉय ने पंडित नेहरू को चिट्ठी लिखी कि आंबेडकर और राजाजी मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा? इसके जवाब में पंडित नेहरू ने लिखा था कि राजाजी के जाने से कुछ असर पड़ेगा, लेकिन आंबेडकर के जाने से कुछ नहीं होगा।’
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस के आंबेडकर के बारे में ये विचार रहे हैं। आज आंबेडकर को मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं इसलिए ये आंबेडकर-आंबेडकर कर रहे हैं। वोटबैंक के लिए कांग्रेस नेता आजकल आंबेडकर का नाम बार-बार लेते हैं।