कोलकाता। तलाक के एक मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि पति की इजाजत के बिना पत्नी के दोस्तों और उसके रिश्तेदारों का उसके घर में ज्यादा रहना क्रूरता है। इतना ही नहीं, तब इसकी और भी अति हो जाती है जबकि पत्नी घर में न हो। न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 19 दिसंबर को याची पति द्वारा दाखिल अपील पर फैसला सुनाते हुए उसे तलाक की डिक्री दे दी।
इसके साथ ही खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें पति के पक्ष में तलाक का फैसला देने से इनकार कर दिया गया था और इसे विकृत और गलत बताया गया था।