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डिस्फेगिया: खाने को निगलने में परेशानी की समस्या, समय पर इलाज जरूरी

खांसी और कफ की समस्या होने पर गले में दर्द होना आम बात है। कफ होने पर गले की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने की वजह से गले में दर्द हो सकता है। वहीं मौसम में बदलाव होने की वजह से भी गले में खराश हो जाती है, जिससे गले में दर्द हो जाता है। मेडिकल की भाषा में इस समस्या को डिस्फेजिया कहा जाता है। इसमें गले की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। यह समस्या होने पर कुछ भी खाने पर गले में दर्द होता है। वहीं समय रहते इस समस्या पर ध्यान न देने से यह समस्या अधिक बढ़ सकती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह स्थिति क्यों होती है और इसके होने के क्या कारण होते हैं।

डिस्फेजिया क्या है
यह एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें खाना निगलने में परेशानी होती है। यह समस्या ठोस और पेय दोनों को निगलने में होती है। डिस्पैगिया में हमेशा गले में दर्द नहीं रहता है, लेकिन यह समस्या पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को परेशानी कितनी है। वहीं अगर समय रहते इस समस्या को कंट्रोल नहीं किया जाता है, तो यह डिहाइड्रेशन, मालन्यूट्रिशन और निमोनिया का कारण बन सकता है।
कितने प्रकार के होते हैं डिस्फेजिया
ऑरोफरीन्जियल डिस्फेजिया
यह अक्सर गले को प्रभावित करने वाली मसल्स या न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी समस्या हो सकती है। यह समस्या तब होती है, जब व्यक्ति द्वारा कुछ भी खाने या पीने पर खाना गले की नली से नीचे नहीं आ पाता है।
एसोफेजियल डिस्फेजिया
एसोफेजियल डिस्फेजिया की समस्या होने पर खाना निगलने के बाद चिपकने या ग्रासनली में फंसने जैसा एहसास होता है। इसोफेगस से जुड़ी किसी भी परेशानी की वजह से यह समस्या हो सकती है।
डिस्फेजिया के लक्षण
खाने पर गले या सीने में खाना अटकने जैसा महसूस होना।
खाने के दौरान खांसी आना या फिर खाना अटकने जैसा महसूस होना।
रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होना
सलाइवा को निगलने में भी परेशानी होना
कुछ भी खाने या पीने पर बाहर उगल देना
डिस्फेजिया होने की वजह
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे स्ट्रोक या ब्रेन में चोट लगने पर डिस्फेजिया हो सकता है। इन समस्याओं के होने पर गले से जुड़ी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा पार्किसन रोग या किसी भी तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने पर भी डिस्फेजिया हो सकता है।
मसल्स से जुड़ी समस्याएं
स्क्लेरोडर्मा या फिर मायस्थेनिया ग्रेविस की वजह से भी डिस्फेजिया की समस्या हो सकती हैं। इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती हैं, जोकि खाना निगलने वाली मांसपेशियों से भी जुड़ी होती है। स्क्लेरोडर्मा में इसोफेगस के टिशूज हार्ड होने लगते हैं और सूजन आने लगती है। इसकी वजह से भी डिस्फेजिया का खतरा हो सकता है।
इसोफेगस से जुड़ी समस्या
बता दें कि इसोफेगस में इंफ्लेमेशन होने पर व्यक्ति को कुछ भी खाने में समस्या हो सकती हैं। वहीं इसोफेगस कैंसर या गले से जुड़े संक्रमण में भी डिस्फेजिया का खतरा हो सकता है।

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