
महिलाओं के काम, सम्मान और अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए आठ मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम उन महिलाओं को भी याद करते हैं, जिन्होंने अपने समय से आगे निकलकर कुछ ऐसा किया था, जिससे पूरी मानव सभ्यता का भला हुआ और समाज में महिलाओं की अहमियत भी बढ़ी। एडा लवलेस भी उन महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें मानव सभ्यता हमेशा याद रखेगी। दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर और गणितज्ञ एडा लवलेस ने तकनीकी दुनिया में महिलाओं के लिए एक नई राह खोलकर इतिहास रचा था। उनकी दूरदर्शिता और प्रतिभा ने आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान की नींव रखी।
एडा लवलेस का जीवन परिचय
एडा लवलेस का जन्म 10 दिसंबर, 1815 को लंदन में हुआ था। उनका पूरा नाम ऑगस्टा एडा बायरन था। वह प्रसिद्ध कवि लॉर्ड बायरन की पुत्री थीं, लेकिन उनकी मां एनी इसाबेला मिलबैंक ने उन्हें गणित और विज्ञान की शिक्षा दिलाने पर जोर दिया, ताकि वह अपने पिता की आदतों से दूर रहें। इस वजह से गणित और तर्कशास्त्र में एडा की गहरी रुचि बन गई। एडा के जन्म के कुछ समय बाद ही उनके माता-पिता अलग हो गए थे और जब वह आठ साल की थीं, तब उनके पिता की मौत हो गई। हालांकि, एडा का लगाव अपने पिता के प्रति काफी गहरा था और उन्होंने अपने बेटों का नाम अपने पिता के ऊपर ही रखा।
एनालिटिकल इंजन और प्रोग्रामिंग की शुरुआत
एडा लवलेस गणित की होनहार छात्रा थीं और इस वजह से कई वैज्ञानिकों के साथ उनकी जान-पहचान होती चली गई। उन्होंने चार्ल्स बैबेज के साथ मिलकर काम किया, जो “एनालिटिकल इंजन” के आविष्कारक थे। यह मशीन आज के समय में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर का शुरुआती रूप थी, जिसमें काफी सीमित क्षमताएं थीं। इस समय पर कंम्यूटर महज एक कैलकुलेटर की तरह काम करता था। एडा ने इस मशीन के लिए एक एल्गोरिदम विकसित किया, जिसे दुनिया का पहला कंप्यूटर प्रोग्राम माना जाता है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि कंप्यूटर केवल संख्याओं की गणना करने वाली मशीन नहीं है, बल्कि इसे किसी भी तरह के डेटा को प्रोसेस करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
एडा ने अपने नोट्स में यह भी भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में कंप्यूटर संगीत बनाने, ग्राफिक्स डिजाइन करने और वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद करने में सक्षम होंगे। उनकी यह दूरदर्शिता आज की डिजिटल दुनिया में सच साबित हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला कंम्प्यूटर प्रोग्राम चार्ल्स बैबेज ने ही बनाया था, लेकिन उनका जोर गणित पर ज्यादा था, जबकि एडा इसके परे कम्प्यूटर की क्षमताओं को भांप रही थीं। इसी वजह से प्रोग्रामिंग लैग्वेज ‘एडा’ का नाम इस वैज्ञानिक के ऊपर है।
महिला दिवस और एडा लवलेस की प्रासंगिकता
एडा ने 19वीं सदी में तकनीकी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इस समय महिलाओं के लिए शिक्षा और करियर के अवसर सीमित थे। एडा की उपलब्धियां आज भी महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। एडा लवलेस की विरासत को सम्मान देने के लिए हर साल अक्टूबर में “एडा लवलेस दिवस” मनाया जाता है, जो विज्ञान और गणित जैसे क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाता है।