लखनऊ। भारतीय रेल (Indian Railway) पर बढ़ते यात्री एवं माल यातायात (Increasing Passenger and Goods traffic) को देखते हुये इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) के विकास एवं विस्तार का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। रेल खंड पर ऑटोमैटिक सिगनलिंग कार्य (Automatic Signalling Work) के पूर्ण होने से अधिक ट्रेनों का संचालन सुगमतापूर्वक सम्भव हुआ है, साथ ही रेलवे लाइन क्षमता में वृद्धि हुई है। इस क्रम में मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल (DRM Gaurav Agarwal)के मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल (Northeast Railway Lucknow Division) में ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। लखनऊ मंडल में मुंडेरवा-ओरवारा-बस्ती रेलखंड के मध्य 15 किमी. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य पूर्ण होकर आज चालू हो गया है।
इस अवसर पर मुख्यालय गोरखपुर से आए मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर (परियोजना) आर के सिंह, मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर (प्लानिंग) नीलाभ महेश, मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) विक्रम कुमार, स्टेशन निदेशक/ गोरखपुर जेपी सिंह, वरिष्ठ मंडल सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर वैभव श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक(कोचिंग) अरिजीत सिंह तथा उप मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर/परियोजना सत्यदेव पाठक उपस्थित थे।
अब डोमिनगढ़ से बस्ती रेलखंड के मध्य लगभग 60 किमी का रेल खंड स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली से चालू हो गया है। यह एक जटिल प्रक्रिया की सिगनलिंग नॉन इंटरलॉकिंग कार्य था, जिसे मात्र 24 घंटे के एनआई कार्य और 3.5 घंटे परीक्षण ब्लॉक के पश्चात् पूर्ण कर लिया गया। जिसमें 3 मेनलाइन स्टेशनों के परिवर्तन, 3 नए ऑटो हट के कार्य तथा 8 नए ईएलबी गेट चालू किए गए (जिसमें 2 नए एलसी गेट इंटरलॉकिंग शामिल हैं)। वर्ष 2024-25 में लखनऊ मंडल के सिग्नल एवं दूरसंचार/परियोजना इकाई द्वारा यह 5वां ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग एनआई किया गया।
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इस परियोजना को पूर्ण करने में सिग्नल व दूरसंचार विभाग , परिचालन विभाग, विद्युत विभाग, इंजीनियरिंग विभाग तथा परियोजना इकाई के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग और समन्वय से उक्त रेलखंड पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य सफलता पूर्वक संपादित हो सका।