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कही आप भी तो नही कर रहे ये काम,दिमाग़ को हो सकता हैं खतरा…

दिमाग हमारे शरीर का जरूरी अंग है क्योंकि ये हमारे शरीर  भावनाओं को कंट्रोल करता है. जन्म के साथ ही हमारा दिमाग तरह-तरह के अनुभवों  जानकारियों को संजोता जाता है.इन सूचनाओं, अनुभवों  भावनाओं की मदद से हम जिंदगी को सरलता से जी पाते हैं  अभिव्यक्ति कर पाते हैं. दिल की तरह ही दिमाग हमारे जीने के लिए जरूरी है क्योंकि बिना दिमाग के हमारा शरीर किसी कार्य का नहीं है. आइये आपको बताते हैं कि रोजमर्रा की किन छोटी-छोटी आदतों का निगेटिव असर हमारे दिमाग पर पड़ता है.सुबह का नाश्ता छोड़ देना
प्रातः काल का नाश्ता हमारे शरीर  दिमाग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. प्रातः काल का नाश्ता हमें दिनभर कार्य करने की ऊर्जा देता है  हमारे दिमाग को दिनभर शांत रखता है. समय की कमी या कार्य की अधिकता की वजह से कुछ लोग प्रातः काल का नाश्ता छोड़ देते हैं वहीं कुछ लोग थोड़ा सा नाश्ता करके ये सोचते हैं कि दोपहर या रात के खाने में भरपेट खाएंगे.मगर आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि प्रातः काल का नाश्ता खाने से भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है. आपका नाश्ता हमेशा स्वास्थ्य वर्धक  थोड़ा भारी होना चाहिए ताकि दिनभर कार्य करने की ऊर्जा आपको मिल सके. अगर दिमाग को अपनी आवश्यकता अनुसार विटामिन्स  मिनरल्स नहीं मिलते हैं तो दिमाग की क्षमता भी प्रभावित होती है.

चीनी का ज्यादा सेवन
ज्यादा मात्रा में चीनी खाने से मोटापा, डायबिटीज, कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों का खतरा होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादा मात्रा में चीनी खाने से हमारे दिमाग पर भी असर पड़ता है. दरअसल, चीनी ज्यादा खाने से ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है  इस वजह से प्रोटीन्स  दिमाग के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व दिमाग तक नहीं पहुंच पाते हैं. इस वजह से दिमाग की क्षमता प्रभावित होती है. यह तनाव को इस हद तक बढ़ा सकता है कि आप भुलक्कड़ भी बन सकते हैं.

एक साथ कई कार्य करना
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो एक साथ कई कार्य करते हैं. आमतौर पर एक साथ ढेर सारे कार्य करने को आदमी का गुण माना जाता है. मगर डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ही समय में कई कार्य करने वाले लोगों के दिमाग की क्षमता समय के साथ प्रभावित होती है  इससे कई दिमागी बीमारियों का भी खतरा होता है. दरअसल एक साथ कई कार्यकरने पर ब्रेन टिशूज पर दबाव पड़ता है  वो सिकुड़ने लगती हैं. इससे आपकी उत्पादकता घट जाती है. हमारा दिमाग एक बार में एक ही तरफ केंद्रित रह सकता है. इसीलए जब हम कई कार्य एक साथ करते हैं, तो हमारी योयता कम हो जाती है.

जरूरत से ज्यादा खाना
अगर आपको लगता है कि आवश्यकता से ज्यादा खाने से सिर्फ मोटापे का खतरा होता है तो आप गलत हैं. ओवरईिंटग से हमारा दिमाग भी प्रभावित होता है. दरअसल जब आप आवश्यकता से ज्यादा खाते हैं तो आपके दिमाग की धमनियों में कड़ापन आता है  इस कारण से दिमाग की क्षमता प्रभावित होती है. इसलिए अपने दिनभर की डाइट की आवश्यकताको समझें  उसी अनुसार खाएं.

मुंह ढककर सोना
मुंह ढककर सोना भी आपके दिमाग को निर्बल बना सकता है. कुछ लोगों की आदत होती है कि वो सोते समय मुंह को चादर, तकिया या कंबल से ढककर सोते हैं. इस आदत के कारण आपकी दिमागी क्षमता प्रभावित होती है  सिर संबंधित कई गंभीर रोगों का खतरा होता है. दरअसल जब आप सिर ढककर सोते हैं तो आपके मुंह के आसपास ऑक्सीजन  कार्बन डाई ऑक्साइड इकट्ठा हो जाते हैं. ज्यादा मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग के लिए भी खतरनाक है.

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