मोदी 2.0 का अगल बड़ा लक्ष्य सरकार के 100 दिनों के अंदर उज्जवला योजना को आठ करोड़ गृहिणियों तक पहुंचाना है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवार की महिला सदस्यों के नाम खाना पकाने की गैस का निशुल्क कनेक्शन दिए जाते हैं। एक मई 2016 में लांच होने के बाद से इस योजना को व्यापक सफलता मिली है और हाल ही में हुए आम चुनाव में सरकार बनाने में यह सहायक रही है।
अब तक 7.2 करोड़ उज्जवला कनेक्शन हो चुके हैं और सरकारी अधिकारी ने कहा कि इसे आठ करोड़ की संख्या तक पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है, क्योंकि वास्तविक लक्ष्य सरकार के 100 दिनों के अंदर आठ करोड़ घरेलू महिलाओं को इसका कनेक्शन देना है। इसके अतिरिक्त आगामी महीनों में एक-दो करोड़ अन्य एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे जिससे पिछले साल लिए गए कैबिनेट के अनुसार, सभी गरीब लोगों को इस दायरे में लिया जा सके।
इसके साथ ही इस साल के अंत तक देश में 100 फीसदी घरेलू महिलाओं तक गैस कनेक्शन या एलपीजी पहुंचाना है। देश में घरेलू गैस फिलहाल 93-94 प्रतिशत महिलाओं तक है। मोदी सरकार ने विभिन्न विभागों के लिए 167 परिवर्तनकारी योजनाएं चिह्नित की हैं जिन्हें तय समय के अंदर लागू करना है। अगर ये योजनाएं लागू की जाती हैं तो बदलाव दिखेगा और आम नागरिकों के जीवन में सार्थक बदलाव आएगा। इसके साथ ही देश में सभी घरों तक स्वच्छ ईधन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा और अगला चरण शुरू हो जाएगा जिसमें यह सुनिश्चित करने पर फोकस किया जाएगा कि सभी नए कनेक्शनों, विशेष रूप से गरीब वर्ग के लोग एलपीजी फिर से भरा रहे हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत, बीपीएल परिवारों को 1,600 रुपये में गैस कनेक्शन दिया जाता है। एलपीजी कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर किया जाता है।