जम्मू और कश्मीर पर संविधान के धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद केन्द्र सरकार अब अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चिंताओं को दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एजेंडे में पहला कार्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक ( एफपीआई ) पर एक के बजट प्रस्ताव को पुनर्गठित कर मार्केट में सामान्य स्थिति बहाल करना है.
सूत्रों ने बोला कि पीएम ऑफिस पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से बोला है कि एफपीआई पर कर प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा की जाए व कोई निवारण पेश किया जाए, ताकि इन संस्थानिक निवेशकों पर नए कर का असर घट सके.
पांच जुलाई को बजट पेश किए जाने तक एफपीआई द्वारा की गई सभी कमाई के ग्रैंडफादरिंग के एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिससे नए कराधान का असर लगभग एक-तिहाई कम हो जाएगा. इसे अपेक्षाकृत एक अधिक स्वीकार्य निवारण माना जा रहा है, क्योंकि वित्त मंत्रालय ने अपने कर प्रस्तावों पर लगातार एक कड़ा रुख बनाए रखा है, जो एफपीआई को प्रभावित करते हैं.
सूत्रों ने बोला कि मंत्रालय आरबीआई (आरबीआई) की सात अगस्त की मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के बाद इस हफ्ते बदलावों की घोषणा कर सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी तरफ से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, ताकि मार्केट में तरलता बढ़े व व्यक्तिगत क्षेत्र निवेश चक्र को फिर से प्रारम्भ करें.