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एक हफ्ते से फरार चल रहे विधायक अनंत कुमार ने किया सरेंडर

फरार चल रहे पटना जिले के मोकामा से बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह ने आज शुक्रवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। सिंह के घर से एक एके-47 राइफल और ग्रेनेड बरामद हुआ था और वह गिरफ्तारी से बचने के लिए करीब एक सप्ताह से फरार चल रहे थे। वह इससे पहले दो वीडियो जारी कर चुके थे। उन्होंने 19 अगस्त को एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह गिरफ्तारी से नहीं घबराते हैं, 2 से 3 दिनों बाद अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर देंगे।

19 अगस्त के बाद गुरुवार को जारी किए वीडियो में अनंत ने कहा था कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। वह पुलिस के सामने नहीं बल्कि अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे। हमें अदालत पर भरोसा है। उन्होंने पटना पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें पता चल गया है कि ”राज्य की सत्ताधारी जदयू के सांसद ललन सिंह, मंत्री नीरज कुमार और अपर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने मेरे खिलाफ साजिश रचकर एक रिश्तेदार के माध्यम से घर मे हथियार रखवाए थे।

आधुनिक हथियार और आग्नेयास्त्र बरामद होने के मद्देनजर अनंत सिंह के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून- ”गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर ललन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था पर पराजित रही थीं।

तीन दिन पहले जारी हुआ था गिरफ्तारी वारंट

एके 47 और ग्रेनेड की बरामदगी मामले में मोकामा विधायक अनंत सिंह पर बीते मंगलवार को बाढ़ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। बाढ़ कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार माधवेंद्र ने वारंट जारी करने की अनुमति दी थी। वारंट जारी होने के बाद अनंत कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। अगर वे सरेंडर नहीं करते तो पुलिस विधायक के खिलाफ इश्तेहार फिर कुर्की की कार्रवाई करती। वहीं, विधायक के करीबी लल्लू मुखिया और उसके भाई रणवीर यादव पर हत्या की साजिश रचने के मामले में कोर्ट ने कुर्की-जब्ती का आदेश कोर्ट दे दिया था।

खुफिया रिपोर्ट गंभीरता से ली जाती तो पहले ही हो जाता खुलासा

अनंत सिंह का असली चेहरा दस साल पहले ही बेनकाब हो जाता अगर आईपीएस अमिताभ कुमार दास की खुफिया रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाता। अमिताभ कुमार दास ने पांच मार्च 2009 को अनंत सिंह के खिलाफ गोपनीय सूचना दी थी। आईपीएश ने पत्र में कहा था कि बाढ़ स्थित विधायक अनंत सिंह के आवास पर एके 47 और एके 56 सहित अन्य आधुनिक हथियारों का बड़ा जखीरा है। हथियारों की सटीक सूचना और पड़ताल के बाद आईपीएस ने गोपनीय फाइल तैयार कर रिपोर्ट देते हुए छापेमारी कर बड़ा खुलासा करने की बात कही थी। तब विधायक के खिलाफ कोई एक्शन नही लिया गया। ठीक 10 साल बाद 16 अगस्त 2019 को को विधायक के बाढ़ स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान एके 47 के साथ गोलियां और हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ।

आईपीएस की जान को खतरा

अनंत सिंह के आवास पर छापेमारी और एके-47 और हैंड ग्रेनेड बरामद होने के बाद आईपीएस अमिताभ दास ने अपनी जान पर खतरे की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अनंत सिंह मेरी हत्या कराने का षडयंत्र रच रहे हैं। गुर्गों को सुपारी दी जा चुकी है.. इसलिए मुझे तत्काल BMP-1 से दो गोरखा अंगरक्षक उपलब्ध कराए जाएं। मेरे साथ यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो सारी जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय की होगी। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास द्वारा जान पर खतरे होने बात पर डीजीपी द्वारा उन्हें तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई गई है। दो बॉडीगार्ड दिए गए हैं।

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