सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) के 10वीं और 12वीं बोर्ड की फीस बढ़ाने के बाद अब दिल्ली सराकर ने छात्रों को इससे राहत देने का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएसई परीक्षा की फीस सरकार देगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। सरकार ने इसके लिए एक सर्कुलर भी जारी किया है। सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएसई परीक्षा की फीस सरकार देगी। इस बारे में आज स्कूलों को छात्रों से फीस न लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएससी परीक्षा की फ़ीस सरकार देगी. इस बारे में आज स्कूलों को छात्रों से फ़ीस न लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने 10वीं और 12वीं बोर्ड की फीस को बढ़ा दिया था। पहले खबर थी कि सीबीएसई ने इस साल एग्जाम फीस में 24 गुना बढ़ोतरी की है। बाद में CBSE ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि यह सच नहीं है। सीबीएसई ने फीस वृद्धि जरूर की है लेकिन पिछली फीस को बढ़ाकर सिर्फ दोगुना किया गया है।
24 गुना फीस वृद्धि की जो बात कही जा रही है वह सही नहीं है। 24 गुना वृद्धि पर देश की राजनीतिक पार्टियों ने भी सीबीएसई बोर्ड की आलोचना की थी। सीबीएसई बोर्ड सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि सीबीएसई से देशभर में तकरीबन 22 हजार स्कूल मान्यता प्राप्त हैं।
इसी में दिल्ली के 1000 सरकारी व एडेड स्कूल भी शामिल हैं। दिल्ली में 1500 से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। बोर्ड द्वारा दिल्ली सरकार की सहमति पर दिल्ली में दो तरह की फीस नीति लागू की गई थी, जिसमें सरकारी स्कूलों (Government School) के 10वीं कक्षा के छात्रों की 5 विषय की फीस 375 रुपए थी (जिसमें 50 रुपए स्कूल द्वारा ऑनलाइन माध्यम में सीबीएसई को और 325 रुपये दिल्ली सरकार द्वारा सीबीएसई को री-इ बर्स किए जाते थे) जिसे बढ़ाकर एससी-एसटी के लिए 1200 रुपये और सामान्य वर्ग के छात्र के लिए 1500 रुपये किया गया था। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों की फीस को दिल्ली सरकार खुद ही वहन करेगी।