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दूसरों को फिट रखने के साथ संवारे अपना करियर,होगी लाखों आमदनी

प्रधानमंत्री के ‘फिट इंडिया अभियान’ की हर तरफ चर्चा है। इसे हेल्दी इंडिया की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आने वाले पांच सालों में हर नागरिक को फिट करने की सरकार की इस मुहिम को देखते हुए फिटनेस के क्षेत्र में योग इंस्ट्रक्टर्स, फिटनेस इंस्ट्रक्टर्स/एक्सपट्र्स और पर्सनल ट्रेनर्स जैसे पेशे में संभावनाएं बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। कुछ अलग करने का जुनून रखने वाले युवाओं के लिए यह एक बेहतर फील्ड हो सकता है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आप किसी भी प्रोफेशन में हों, आपको अपने कामकाज में दक्षता और कुशलता लानी है तो मेंटल और फिजिकल फिटनेस बेहद जरूरी है। यह देखा जा रहा है कि स्टूडेंट हों, कामकाजी लोग या फिर बॉलीवुड के एक्टर, जो फिट हैं वही आजकल आसमान छू रहे हैं। इसलिए किसी ने सही कहा है कि-बॉडी फिट है तो माइंड हिट है।

अपनी फिटनेस के लिए लोग रनिंग, वॉकिंग, योग, जुंबा डांस के अलावा जिम तक ज्वाइन कर रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘फिट इंडिया अभियान’ शुरू करने के बाद स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता और बढ़ने की उम्मीद है। क्योंकि सरकार खेल मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से बड़े स्तर पर अभियान शुरू कर रही है, जिसके तहत शहर हो या गांव हर जगह लोगों को फिट रहने के गुर बताए/सिखाए जाएंगे। इसे देखते हुए एक अनुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में फिटनेस मार्केट के 25 से 30 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

वेलनेस इंडस्ट्री में बढ़ते मौके-

फिटनेस के लिए पहले लोग रनिंग, वॉकिंग या एक्सरसाइज जैसे विकल्प ही चुना करते थे, लेकिन आज तस्वीर कुछ और है। अब लोगों को जिम, स्वीमिंग, एरोबिक्स या योग करने में आनंद आता है। इन दिनों डांस को भी एक फिटनेस थेरेपी के तौर पर देखा जा रहा है। जुंबा, हिप-हॉप, सालसा जैसे पश्चिमी डांस क्लासेज में बढ़ती युवाओं की उपस्थिति इस सच्चाई को पुष्ट करती है। महानगरों से लेकर छोटे-बड़े शहरों में खुल रहे जिम, वेलनेस इंडस्ट्री की पहचान बन गए हैं। जिम की ग्रोथ देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीते सालों में वेलनेस और फिटनेस इंडस्ट्री किस तेजी से आगे बढ़ रही है।

दुनियाभर के कारोबार से जुड़े डेटा को संजोने वाले पोर्टल ‘स्टैटिस्टा’ के मुताबिक, भारत में इस साल फिटनेस सेक्टर से 117 अरब रुपये से ज्यादा का राजस्व पैदा होने का अनुमान है। इस सेक्टर में हर साल 6.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है और इस लिहाज से 2023 तक यह राजस्व 152 अरब रुपये तक का हो सकता है। दुनिया के स्तर पर देखा जाए तो इस साल इस सेक्टर से सबसे ज्यादा राजस्व (करीब 366 अरब रुपये) चीन में पैदा होने का अनुमान है।

तेजी से उभरते करियर विकल्प-

मोदी सरकार के ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ पर इंडीड जॉब पोर्टल द्वारा कराए गए एक ताजा सर्वे के अनुसार, देश में फिटनेस को बढ़ावा दिए जाने से आने वाले दिनों में छह तरह के जॉब्स के मौके तेजी से पैदा होंगे। आइए जानते हैं इस अभियान के बाद

कौन-कौन से जॉब्स ज्यादा डिमांड में होंगे :

फिटनेस ट्रेनर/इंस्ट्रक्टर-

एक फिटनेस ट्रेनर आम लोगों से लेकर खिलाड़ियों और सेलिब्रिटीज का वर्कआउट प्लान तैयार करता है, उन्हें सुपरवाइज करता है। वे मसल बनाने, बॉडी को टोन करने से लेकर वजन नियंत्रित करने तक में क्लाइंट्स को गाइड करते हैं। लोगों को एक्सरसाइज कराना भी इनकी जिम्मेदारियों में से एक है।

योग्यता-

फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए कम से कम 12वीं होना चाहिए। इसके बाद किसी इंस्टीट्यूट से फिटनेस ट्रेनिंग से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। चाहें, तो हेल्थ ऐंड फिटनेस में डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है। आजकल सरकारी के अलावा कई निजी संस्थान भी फिटनेस ट्रेनिंग के कोर्स ऑफर कर रहे हैं।

अवसर-

फिटनेस ट्रेनर का प्रशिक्षण लेने के बाद आप किसी लग्जरी होटल्स के जिम, हेल्थ क्लब, रिजॉट्र्स, ऑफिसेज, स्कूल्स, फिजियो क्लीनिक में अपने लिए नौकरी तलाश सकते हैं। इसके अलावा, स्पोट्र्स टीम या मॉडल्स, फिल्म स्टार्स, बिजनेस टायकून्स के साथ जुड़कर भी उन्हें पर्सनल ट्रेनर के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। चाहें, तो अपना स्टूडियो या जिम शुरू कर सकते हैं। इंडीड के अनुसार, फिटनेस इंस्ट्रक्टर/ट्रेनर आजकल 2 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक सालाना पैकेज पा रहे हैं।

योग इंस्ट्रक्टर-

विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में करीब 5.6 करोड़ (56 मिलियन) लोग तनाव और बेचैनी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं और इसके पीछे की वजह आज की बदलती जीवनशैली है। यह बात कई अनुसंधानों से भी साबित हो चुकी है कि योग शरीर और मन की व्याधियों को दूर रखने का सबसे सही उपाय है। यही वजह है कि लोग भी इसकी उपयोगिता को समझने लगे हैं और प्रशिक्षित योग इंस्ट्रक्टर्स तक की मदद ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा योग को प्रोत्साहन दिए जाने के बाद से स्कूल-कॉलेजों में योग शिक्षक रखे जा रहे हैं।

योग्यता-

देश के कई विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में योग से जुड़े स्नातक, परास्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्नातक कोर्स के लिए कम से कम 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। वहीं, एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ग्रेजुएशन के बाद ले सकते हैं।

अवसर-

योग प्रशिक्षकों की इस समय कॉरपोरेट कंपनियों से लेकर फिटनेस ट्रेनिंग सेंटर, रिसॉर्ट और हेल्थ स्पॉ जैसी जगहों पर खूब डिमांड है। इसके अलावा, आजकल ढेर सारी सोसाइटीज में बने हेल्थ क्लब में भी योग इंस्ट्रक्टर्स रखे जा रहे हैं। घरों में लोग निजी तौर पर योग प्रशिक्षण ले रहे हैं।

फिटनेस मैनेजर/कंसल्टेंट-

जॉब पोर्टल इंडीड की मानें, तो फिटनेस मैनेजर्स/कंसल्टेंट की डिमांड भी आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है। जो इस फील्ड की नॉलेज रखते हैं और फिटनेस से संबंधित डिजाइन तथा फिटनेस प्रोग्राम तैयार करने की स्किल रखते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन जॉब विकल्प हो सकता है। इन दिनों इस प्रोफाइल से जुड़े लोगों को विभिन्न कंपनियों और वेलनेस इंडस्ट्री में सालाना करीब 6 लाख रुपये तक के पैकेज मिल रहे हैं।

फिजिकल एजुकेशन टीचर-

अगर आपकी रुचि खेलों में है, तो जाहिर है आप फिटनेस पसंद भी होंगे। ऐसे में आप बीपीएड (बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन) कोर्स करके स्कूलों में खेल शिक्षक के रूप में करियर शुरू कर सकते हैं। शुरुआती स्टेज से ही बच्चों में फिटनेस के प्रति सजगता बढ़ाने के लिए ऐसे शिक्षकों की इन दिनों सरकारी और निजी, दोनों तरह के स्कूलों में मांग है। यह कोर्स 12वीं के बाद किया जा सकता है। इंडीड के अनुसार, फिजिकल शिक्षक बनकर अभी आप 5 लाख रुपये तक सालाना पैकेज पा सकते हैं।

डांस थेरेपिस्ट-

आज के दौर में नृत्य या संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं रह गया है, यह दौड़-भाग भरी जिंदगी में खुद को मानसिक एवं शारीरिक रूप से रिलैक्स करने का एक जरिया भी बन गया है। यही कारण है कि कुछ अलग करने का जुनून रखने वाले युवा डांस थेरेपी में करियर बनाने में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं।
भारत में वैसे तो अभी यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। कुछेक संस्थान एक्सप्रेसिव आर्ट थेरेपी में डिप्लोमा या डांस मूवमेंट थेरेपी का सर्टिफिकेशन कोर्स कराते हैं। डाइटीशियन के रूप में: सेहत और सुपोषण के प्रति सजगता बढ़ने के कारण आजकल लोग अपने खान-पान का ख्याल रखने के लिए डाइटीशियन की मदद ले रहे हैं।

सुबह के नाश्ते तथा दोपहर एवं शाम के खाने में क्या-क्या होना चाहिए, शरीर में किस विटामिन की जरूरत है, हमें किस तरह के खान-पान से बचना है, ये सब बातें एक डाइटीशियन ही आपको बता सकता है। डाइटीशियन बनने के लिए डाइटिक्स में डिप्लोमा होना जरूरी है। अगर आपके पास ग्रेजुएशन में होम साइंस, मेडिसिन साइंस, केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी जैसे विषय हैं, तो यह कोर्स किया जा सकता है।

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