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दुनियाभर में भारत के चंद्रयान 2 मिशन की कुछ इस प्रकार हुई तारीफ, नासा ने कहा :’आपके प्रयास ने…’

भारत का मिशन चंद्रयान-2 जिस तरह से चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर रह गया, उसके बाद इसरो के तमाम वैज्ञानिकों में निराशा छा गई। लेकिन इसरो के इस शानदार प्रयास की ना सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में तारीफ हो रही है। पहले अमेरिका के स्पेस सेंटर नासा ने भारत के इस प्रयास की तारीफ की और अब युनाइटेड अरब अमीरता स्पेस एजेंसी ने भी भारत के मिशन की तारीफ करते हुए उसे हर संभव मदद की पेशकश की है। वहीं ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी ऑस्ट्रेलिया स्पेस एजेंसी ने इसरो के मिशन की तारीफ की है। एएसपी की ओर से कहा गया है कि विक्रम लैंडर चांद मिशन से महज कुछ किलोमीटर दूर रह गया।

हम इसरो की टीम के इस प्रयास और अंतरिक्ष की यात्रा को लेकर प्रतिबद्धता की तारीफ करते हैं यूएई की ओर से कहा गया है कि हम इसरो को चंद्रयान 2 से स्पेसक्राफ्ट जोकि चंद्रमा की सतह पर लैंड करने वाला था, उसके संपर्क टूट जाने को लेकर हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं। भारत ने इस बात को साबित कर दिदया है कि वह स्पेस सेक्टर में अहम कूटनीतिक हिस्सा है, इसके साथ ही इसके विकास और उपलब्धियों में भी भारत का योगदान अहम है। बता दें कि इससे पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी भारत के प्रयास की तारीफ की थी और कहा था कि भारत के प्रयास ने हमे प्रेरित किया है।

नासा की ओर से ट्वीट करके कहा गया है कि अंतरिक्ष काफी मुश्किल है, हम इसरो के प्रयास की तारीफ क रते हैं, जिस तरह से मिशन चंद्रयान चांद के साउथ पोल पर गया, वह शानदार है। आप ने हम सभी को अपनी इस यात्रा से प्रेरित किया है और भविष्य में सोलर सिस्टम पर संभावनाओं की तलाश साथ मिलकर करने की उम्मीद रखते हैं। बता दें कि विक्रम लैंडर का शनिवार को आखिरी समय पर संपर्क टूट गया, जिसकी वजह से भारत चांद की सतह पर कदम रखने से चूक गया। चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया। 2.1 किलोमीटर से चूका विक्रम गौरतलब है कि विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर लैंड नहीं कर पाने के बाद इसरो चीफ के सिवन ने कहा था कि ‘विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य तरीके से नीचे उतरा।

इसके बाद लैंडर का धरती से संपर्क टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है, हालांकि भारत के मून लैंडर विक्रम के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं हो, लेकिन 978 करोड़ रुपये लागत वाला चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है।

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