भारत में हो रहे कई बदलावों के मद्देनजर पिछले साल परिवहन मंत्रालय ने आईटी एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा था कि अब ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस पेपर जैसे दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी सत्यापन के लिए न ली जाए. अपने बयान में मंत्रालय ने कहा था कि डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप पर मौजूद दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी को वैध माना जाएगा. केंद्र सरकार ने राज्यों के परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा था कि वे सत्यापन के लिए दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी न लें. आगे जाने पूरी रिपोर्ट
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब ट्रैफिक पुलिस अपने पास मौजूद मोबाइल से ड्राइवर या परिवहन की जानकारी क्यूआर कोड के जरिए अपने डाटाबेस से निकाल सकती है और ड्राइवर द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने का भी रिकॉर्ड रख सकती है. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में सबसे पहले डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप को डाउनलोड करना होगा. इसके बाद साइनअप करने के लिए अपना मोबाइल नंबर एंटर करना होगा. फिर आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. उस ओटीपी को एंटर करके वेरिफाई करें. दूसरे चरण में लॉगिन करने के लिए अपना यूजर नेम और पासवर्ड सेट करना होगा.
बस फिर आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा. जिसमें आपको अपने आधार नंबर को प्रमाणित करिए. आधार डेटाबेस में आपका जो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है उस पर एक ओटीपी आएगा. उस ओटीपी को एंटर करने के बाद आधार प्रमाणित करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा. अब इसमें अपने आधार नंबर को प्रमाणित करिए.अब डिजिलॉकर से आप आरसी, लाइसेंस और इंश्योरेंस की कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं और पुलिस को दिखा सकते हैं. एमपरिवहन एप में गाड़ी के मालिक का नाम, रजिस्ट्रेशन की तारीख, मॉडल नंबर, इंश्योरेंस की वैधता आदि जानकारी रहती है. ऐसे में आपको किसी तरह के कागजात को साथ में लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी.