लहसुन के बहुत सारे स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे हैं। इसे आप खाते ही होंगे व स्वाद बढ़ाने के लिए खाने में भी प्रयोग किया जाता है। लेकिन कठिन की बात ये है कि इसको कच्चा खाना कोई नहीं चाहता है। लहसुन की एक भी कली को अगर चबाकर खाया तो उसके कारण सारे दिन मुँह से बदबू निकलने लगता है। जो आपको दूसरों के सामने शर्मिंदा का कर सकती हैं। एक अध्ययन में सामने आया है कि लहसुन वाले खाद्य पदार्थ खाने के बाद सेब, पुदीना या सलाद पत्ता खाने से इसकी तीखी महक में कमी आती है। तो अगर आप भी इस महक को दूर करना चाहते हैं तो आपको बता देते हैं ये तरीके।
इस बारे में शोधकर्ताओं का बोलना है कि लहसुन की सांस में महक आने की वजह इसमें उपस्थित वाष्पशील तत्व होते हैं। इसमें डाएलिल डाईसल्फाइड, एलिल मरकैप्टान, एलिल मिथाइल डाईसल्फाइड व एलिल मिथाइल सल्फाइड जैसे तत्व शामिल हैं। यह सभी लहसुन में उपस्थित होते हैं। प्रातः काल एक कली लहसुन खाने से ब्लड-प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, एसिडिटी जैसे कई बीमारियों से राहत मिलता है।
अध्ययन में दल ने लोगों को तीन ग्राम लहसुन को 25 सेकेंड तक चबाने के लिए दिया। इसके बाद पानी से परहेज कर, सेब या इसका जूस या सलाद या पुदीने का जूस या पत्तियां या ग्रीन टीन दी गई। इसके बाद वाष्पशील पदार्थो के स्तर की जाँच की गई व उनका विश्लेषण किया गया। इसके लिए आयन फ्लो ट्यूब मॉस स्पेक्ट्रोमेट्री विधि इस्तेमाल में लाई गई। निष्कर्ष में पाया गया कि कच्चा सेब या सलाद खाने वाष्पशील तत्वों के मात्रा 50 फीसदी की कमी आई।
कच्चे सेब व कच्चे सलाद की तुलना में सभी वाष्पशील पदार्थो के लिए पुदीने की पत्तियों में ज्यादा वाष्पीकरण क्षमता मापी गई। सेब जूस व पुदीने के जूस ने वाष्पशील तत्वों के स्तर को कम कर दिया। लेकिन यह साबुत सेब या सलाद चबाने की तुलना में कम प्रभावी रहा। शोधकर्ताओं को ग्रीन टी में लहसुन के यौगिकों के प्रति कोई वाष्पीकरण असर देखने को नहीं मिला।