प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बिहार को 901 करोड़ रुपये की दूसरी सौगात दी। उन्होंने दिल्ली से ही रिमोट दबा कर बांका में एलपीजी प्लांट का शुभारम्भ किया। पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन के दुर्गापुर – बांका खंड के बीच बीच 634 करोड़ की लागत से निर्मित 193 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन बिहार को समर्पित करते हुए उन्होंने बांका में 131 करोड़ की लागत से एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं का उद्घाटन करते हुए आत्मनिर्भरता पर जोर दिया और कहा कि इससे बिहार के बहुत दिनों तक बंद रहे बरौनी खाद कारखाने को भी लाभ होगा। उन्होंने बांका के साथ हरसिद्धि में भी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले बिहार के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से देश और बिहार की राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया। उन्होंने उन्हें नमन करते हुए कहा कि उनसे मेरे वर्षों से व्यक्तिगत संबंध थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे जमीन और गांव से जुड़े नेता थे। रघुवंश बाबू ने अपने सिद्धांत से कभी समझौता नहीं किया।
जीवन के अंतिम दिनों में जब उन्हें लगा कि उनकी पार्टी सिद्धांत से हट गई है तो उनका दिल व्यथित हो उठा और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राजद छोड़ने के बाद रघुवंश बाबू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर विकास के कामों की सूची दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश जी से आग्रह करूंगा कि वे उनके सुझावों को कार्यान्वित करें। इसमें हम भी सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को इतनी बड़ी सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया।