उत्तराखंड में डेंगू को रोकने में सरकार पर कांग्रेस ने नाकामी का आरोप लगाया। साथ ही बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और आपदा प्रबंधन तंत्र की सुस्ती को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में दस्तक दी।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंपे ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि डेंगू से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन सरकार अनर्गल बयानबाजी कर रही है। उन्होंने राज्यपाल से डेंगू से बचाव को तेजी से कदम उठाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की।
देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस मामले में सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रही कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों में रोज बड़ी संख्या में नए मरीज भर्ती हो रहे हैं। रोगियों की संख्या के हिसाब से अस्पतालों में चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों और दवाओं का बंदोबस्त नहीं है। ऐसे में विभाग की ओर से ब्लड टेस्ट, सिटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रसाउंड के दाम काफी बढ़ा दिए हैं। अटल आयुष्मान योजना शोपीस बनकर रह गई है। योजना के कार्डधारक गरीब लोगों को उपचार नहीं मिल रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि से कई क्षेत्रों में लोगों को जानमाल का नुकसान झेलना पड़ा है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने से कई लोग काल का ग्रास बन गए, जबकि मैदानी क्षेत्रों में बरसात का पानी घरों में घुसकर लोगों के लिए संकट का सबब बना है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन विभाग निष्क्रिय है। आपदा प्रभावितों को प्रशासन की ओर से राहत नहीं मिल पाई है।
कांग्रेस ने प्रदेशभर में डेंगू बीमारी को महामारी घोषित करने और इससे निपटने को युद्ध स्तर पर अभियान चलाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, लालचंद शर्मा, आरपी रतूड़ी, पीके अग्रवाल, गरिमा महरा दसौनी, कमलेश रमन व गोदावरी थापली शामिल थे।