दो बच्चों की मां जन्को ताबेई (Junko Tabei) ने 1969 में इतिहास रचा था, जब उन्होंने जापान के पहले लेडीज क्लाइंबिंग क्लब (Ladies Climbing Club) की स्थापना की थी. 16 मई, 1975 को वो माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली महिला बनी.माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) के शिखर पर पहुंचने वाली पहली महिला जन्को ताबेई (Junko Tabei) के 80 वें जन्मदिन को आज गूगल (Google) ने डूडल बनाकर मनाया है. जापानी पर्वतारोही जुन्को ताबेई सभी महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर पहुंचने वाली पहली महिला थीं. ताबेई 76 अलग-अलग देशों में पर्वतों पर पहुंचने वाली एकमात्र महिला बनी थीं, बीमारी से जूझते हुए भी उसने चढ़ाई जारी रखी. लोगों को उनकी सलाह थी, “हार मत मानो… अपनी खोज जारी रखो!”
1939 को फुकुशिमा प्रान्त में हुआ था जन्म
1939 में जन्मी जन्को ताबेई जापान के फुकुशिमा प्रान्त के एक छोटे से शहर मिहारू में पली पढ़ीं. ये माउंट नासु की एक स्कूल यात्रा थी, जिसने उन्हें कम उम्र में ही चढ़ाई करने के रोमांच से परिचित कराया. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले 36 वें इंसान और पहली महिला के तौर पर याद किए जाने पर ताबेई ने कहा था, “मैंने एवरेस्ट पर पहली महिला बनने का इरादे से नहीं किया था. ये मैंने अपने जूनून के लिए किया था.”
हालांकि, दो बच्चों की मां ने 1969 में इतिहास रचा था, जब उन्होंने जापान के पहले लेडीज क्लाइंबिंग क्लब की स्थापना की थी. इस क्लब ने उस पारंपरिक धारणा को बदला, जिसमें महिलाओं को घर पर रहने और घर की सफाई करने तक ही महदूद किया गया था.
एवरेस्ट अभियान की शुरुआत उन्होंने 1975 के वसंत में 15 पर्वतारोहियों और 6 शेरपाओं के साथ हुई थी. 9,000 फीट (2,743.2 मीटर) की ऊंचाई पर, उनके शिविर को हिमस्खलन ने बर्बाद कर दिया था. 3 दिनों तक संघर्ष के बाद ताबेई की चढ़ाई जारी रही. 16 मई, 1975 को शिखर पर पहुंच गई, वो भी केवल शारपा आंग टीशेरिंग के साथ. उन्हें अपने इस उपलब्धि पर जापान के सम्राट क्राउन प्रिंस और राजकुमारी से बधाई मिली थी. उन्होंने उस पल को याद करता हुए एक बार बताया था, “मुझे घर पर आने में दो महीने लग गए थे.” आगे उन्होंने कहा. “मेरी तीन साल की बेटी उन सभी मीडिया के कैमरों से डर गई थी.”