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तालिबान की कैद से रिहा हुए 2018 में बंधक बनाए गए तीन भारतीय इंजीनियर

करीब 17 महीनों से तालिबान के आतंकियों की कैद में फंसे भारतीय इंजीनियरों से अपने देश लौटने का रास्ता साफ हो गया है। भारत के ये तीनों इंजीनियर साल 2018 से तालिबान की कैद में है। अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत के बाद यह फैसला आया है। अमेरिका और तालिबान के बीच सुलह के लिए बातचीत हुई। इस बैठक में प्रतिनिधि जाल्मे खलीलजाद के साथ हुई तालिबान की बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि तालिबान नेताओं के बदले तीन भारतीय इंजीनियरों को रिहा किया जाएगा।

अमेरिका और तालिबान के बीच इस्लामाबाद में हुई बातचीत के बाद तीनों भारतीय इंजीनियरों को रिहा करने पर फैसला लिया गया है। यहां प्रतिनिधिमंडल की बैठक में तीन भारतीय इंजीनियर की रिहाई का मुद्दा उठाया गया। तालिबान ने पुष्टि की है कि उसने कम से कम 11 तालिबानी नेताओं की रिहाई के बदले में कम से कम तीन भारतीय बंधकों को मुक्त कर दिया है, जिनमें महत्वपूर्ण नेता शामिल हैं। इनमें अफगान तालिबान में प्रमुख नेता शेख अब्दुल रहीम और मौलवी अब्दुर रशीद का नाम शामिल है। इन दोनों तालिबान नेताओं ने 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले हस्तक्षेप से पहले तालिबान प्रशासन के दौरान कुनार और निम्रोज़ प्रांतों के राज्यपालों के रूप में कार्य किया है।

कैदियों की अदला-बदली रविवार को एक अज्ञात जगह पर की गई। विश्वसनीय स्रोतों ने पुष्टि की है कि अफगान तालिबान के सदस्यों को अमेरिकी सेनाओं द्वारा बगराम एयरबेस से छोड़ दिया गया। तालिबान और अमेरिका के बीच कैदी स्वैप सौदा किया गया था। हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भारतीय इंजीनियरों की रिहाई की पुष्टि अफगान तालिबान की ओर से की गई है लेकिन अफगान सरकार ने खुद इसकी पुष्टि नहीं की है।

जानकारी के मुताबिक भारत सरकार को भी तीनों इंजीनियरों की रिहाई के बारे में सूचित नहीं किया गया है। लेकिन सरकार के सूत्रों के मुताबिक वह अफगानिस्तान सरकार से संपर्क में हैं क्योंकि रिहाई को लेकर बात सामने आई है।

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