Breaking News

लंबे समय के बाद राजनीति में लौटने से पहले पाक के इस नेता ने उगला जेहर, कहा :’खून में है कश्मीर कुछ भी…’

पाकिस्तान का हर नेता इन दिनों कश्मीर राग अलाप रहा है। यही वजह है कि लंबे समय बाद सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने भी इसका सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के खून में है और कुछ भी हो जाए, सेना के साथ देश कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा। दुबई में रह रहे जनरल (सेनानिवृत्त) मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान के शांति प्रयासों के बावजूद भारत बार-बार उसे धमकी दे रहा है। ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के 76 वर्षीय अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर दुबई से टेलीफोन के जरिए इस्लामाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘शायद, भारतीय सेना करगिल की लड़ाई भूल गई है।’ पूर्व तानाशाह ने दावा किया कि साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध को खत्म करने के लिए भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थी।

अपने बिगड़ते हुए स्वास्थ्य की वजह से पूर्व राष्ट्रपति पिछले साल राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खून में कश्मीर है। मुशर्रफ का यह बयान कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद पहली बार आया है। उन्होंने कहा, ‘चाहे जो भी हो, हम अपने कश्मीरी भाइयों के साथ खड़े रहेंगे। पाकिस्तानी और सेना अपने खून के आखिरी कतरे तक संघर्ष करती रहेगी।’

मुशर्रफ ने कहा कि शांति की पाकिस्तान की इच्छा को उसकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बल भारत के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कश्मीर मुद्दे पर भारत कई बार अपने पड़ोसी को समझा चुका है कि यह उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को सच्चाई स्वीकार करते हुए भारत विरोधी प्रोपेगैंडा और कश्मीर राग अलापना बंद कर देना चाहिए।

मार्च 2016 से परवेज मुशर्रफ दुबई में रह रहे हैं। साल 2007 में संविधान को स्थगित करने की वजह से वह राजद्रोह का सामना कर रहे हैं। इस मामले में 2014 में उन्हें अभ्यारोपित किया गया। राजद्रोह के मामले में दोषी करार दिए जाने पर मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान है। सेहत में सुधार होने की वजह से मुशर्रफ सक्रिय राजनीति में लौटने की योजना बना रहे हैं।

About News Room lko

Check Also

जलवायु वित्त के प्रस्ताव पर नागरिक समाज की नाराजगी, कहा- बुरी डील होने से अच्छा, कोई समझौता ही न हो

बाकू में आयोजित हो रहे जलवायु सम्मेलन के दौरान नागरिक समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। ...