माल एवं सेवा कर (GST) में आ रही अड़चन और इसकी खामियों पर लगातार उठ रहे सवाल के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुकवार को इस पर बयान दिया। पुणे में कराधान पेशेवरों की ओर से जीएसटी को लेकर जताई गई चिंता पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा रूप में (जीएसटी) में कुछ खामियां हो सकती हैं लेकिन, इसे कोसना छोड़कर बेहतर बनाने के बारे में सुझाव दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि उद्योग जीएसटी के लागू करने के तरीके पर सरकार पर सवाल उठा रहा है। जीएसटी को सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार कहा जा रहा है। इसे जुलाई, 2017 में लागू किया गया। सीतारमण एक शख्स के सवाल पर बिफर उठीं और कहा कि जीएसटी को संसद और सभी राज्य विधानसभाओं की ओर से पारित किया गया है और अब यह कानून बन गया है, तो ऐसे में आप इसकी आलोचना न करें।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसे लम्बे समय से लाने की कोशिश चल रही थी लेकिन, लंबे समय बाद संसद में कई दल और राज्य विधानसभाओं ने मिलकर काम किया और इस कानून को लेकर आए। सीतारमण ने कहा, ‘आप अपने अनुभव के आधार पर यह बात कर रहे हैं, लेकिन अचानक हम यह नहीं कह सकते कि यह कितना खराब है। सीतारमण के साथ बैठक में उद्योग के लोग, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सचिवों और वित्तीय क्षेत्र के कई अन्य अंशधारक साथ थे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू किए सिर्फ दो साल हुए हैं। मैं चाहती हूं कि यह शुरू से ही आसान और संतोषजनक रहना चाहिए था। वित्त मंत्री ने कहा कि मैं चाहती हूं कि सभी अंशधारक जीएसटी के बेहतर अनुपालन के लिए कुछ सुझाव दें ताकि इसका बेहतर समाधान निकाला जा सके। इसमें जरुर कुछ कमियां हो सकती हैं लेकिन हम सिर्फ इसकी आलोचना न करें। इससे आपको कुछ परेशानी हुई होगी, आगे भी हो सकती है लेकिन अब यह कानून है। वित्त मंत्री ने कारोबारी को अपने सुझावों के साथ दिल्ली आने का न्योता भी दिया।