सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित देश के अन्य राज्यों में होने वाले जापानी मस्तिष्क बुखार की जाँच करने वाली देशी किट को इजाद किया है. मेक इन इंडिया के तहत विकसित इस किट की मूल्य कम होने से लोगों को सस्ता उपचार मिलेगा.
इसके अतिरिक्त भेड़ व बकरी में होने वाले ब्लू टंग बीमारी का पता लगाने वाली ब्लू टंग सैंडविच एलीसा किट को विकसित किया है. इससे किसानों को होने वाले पशुधन नुकसान से बचाया जा सकेगा.
कृषि मंत्रालय में पशु विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के निदेशक आरके सिंह ने मंगलवार को पत्रकार बातचीत में उपरोक्त दोनों जाँच किट की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि स्वदेशी तकनीक से विकसित जाँच किट से हजारों बच्चों की जान बचाई जा सकेगी.
क्या है ब्लू टंग :
ब्लू टंग बीमारी गंभीर व खतरनाक है. इस बीमारी से पुशओं को बुखार होता है व शरीर में जल की कमी से उनकी मृत्यु हो जाती है. यह बीमारी 29 तरह के वायरस से फैलती है जबकि हिंदुस्तान में इसके 23 वायरस पाए जाते हैं. ब्लू टंग सैंडविच एलीसा किट से सभी 23 वायरस का पता लगाया जा सकता है.
जापानी बुखार की जाँच :
ऑफिसर ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर सुअर को काटने के बाद इंसान को काटता है तो जापानी बुखार होता है व इससे सबसे अधिक मृत्यु बच्चों की होती है. इस बीमारी का पता लगाने वाले किट का विदेश से आयात किया जाता है, जिसके कारण इसकी जाँच मंहगी होती है. स्वदेशी किट से जाँच सस्ती होगी.