आईसीसी (ICC) ने शाकिब अल हसन (Shakib Al Hassan) पर एक वर्ष का पूर्ण प्रतिबंध व 12 महीने की अवधि का निलंबित प्रतिबंध लगाया है। अगर शाकिब आईसीसी की करप्शन निरोधक संहिता का पालन नहीं करते हैं तो ये निलंबित प्रतिबंध लागू होगा। दो वर्ष के प्रतिबंध का ये भी मतलब हुआ कि शाकिब अब अगले वर्ष भारतीय प्रीमियर लीग व ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर 2020 तक होने वाले टी20 दुनिया कप में नहीं खेल सकेंगे।
शाकिब अल हसन (Shakib Al Hassan) पर लगे दो वर्ष के प्रतिबंध के बारे में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बीडीन्यूज24 से कहा, ‘यह स्पष्ट है कि शाकिब अल हसन ने गलती की है और उन्हें इसका अहसास है। सरकार आईसीसी के निर्णय में कुछ नहीं कर सकती लेकिन बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड उनके साथ है। ’ वहीं बीसीबी ने एक बयान में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि शाकिब अल हसन बेहतर व समझदार क्रिकेटर बनकर वापसी करेंगे व प्रतिबंध पूरा होने के बाद बांग्लादेश क्रिकेट की कई वर्ष तक सेवा करेंगे।
पिछले वर्ष मिला था ऑफर
शाकिब अल हसन (Shakib Al hasan) पर जिस मुद्दे को लेकर कार्रवाई की गई है, वो पिछले वर्ष का है। तब एक मैच से पहले बुकी ने शाकिब से सम्पर्क साधा था। नियमों के तहत इस तरह का कोई भी ऑफर मिलने के तुरंत बाद खिलाड़ी को आईसीसी को ये सूचना देनी होती है, लेकिन शाकिब ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में ये माना गया कि बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने ये बात जानबूझकर छिपाई।
शाकिब पर लगे हैं ये आरोप
जनवरी 2018 में बांग्लादेश, श्रीलंका व जिम्बाब्वे के बीच हुई त्रिकोणीय टी-20 सीरीज में दो बार फिक्सिंग की पेशकश की जानकारी आईसीसी को नहीं दी। साथ ही आईपीए 2018 में हुई ऐसी ही एक पेशकश की बात भी आईसीसी से छिपाई।