पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद और बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के इस बयान ‘गाय के दूध में सोना होता है’ के बाद एक शख्स अपनी दो गायों को लेकर मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड की एक ब्रांच पहुंच गया। वो अपनी गायों के बदले गोल्ड लोन लेना चाहता था। उसका मानना है कि अगर गाय के दूध में सोना होता है तो उसे गायों के बदले गोल्ड लोन मिलना चाहिए।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में शख्स ने कहा कि मैं गोल्ड लोन के लिए यहां आया हूं और इसलिए मैं अपनी गायों को अपने साथ लाया हूं। मैंने सुना है कि गाय के दूध में सोना होता है। मेरा परिवार इन गायों पर निर्भर करता है। मेरे पास 20 गायें हैं और अगर मुझे कर्ज मिल जाए तो मैं अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकूंगा।
क्या कहा था दिलीप घोष ने
दिलीप घोष पश्चिम बंगाल के बर्दवान में गोपाल अष्टमी कार्यक्रम में दिये अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर गये हैं। घोष ने कहा, ‘जो लोग समाज के बौद्धिक वर्ग से संबंध रखते हैं और सड़क किनारे बीफ़ खाते हैं, वे गाय ही क्यों खाते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे कुत्ते का मांस भी खाएं। यह सेहत के लिये अच्छा होता है।’
घोष यहीं नहीं रुके और उन्होंने आगे कहा कि ऐसे लोग दूसरे पशुओं का भी मांस खाएं, कौन उन्हें रोक रहा है? लेकिन वे अपने घर पर खाएं। घोष ने आगे कहा, ‘गाय हमारी माता है और हम गाय की हत्या को असामाजिक काम के रूप में देखते हैं।’ उन्होंने कहा कि हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारी माँ की हत्या करे। विदेशी कुत्तों के मल को साफ करने को लेकर घोष ने कहा कि यह महा अपराध है।
घोष ने कार्यक्रम में दावा किया कि देसी गाय के दूध में सोना होता है और इसीलिये इसका रंग सोने जैसा होता है। देसी और विदेशी गाय की तुलना करते हुए घोष ने यह भी ‘ज्ञान’ दिया कि कौन सी गाय को मां कहना चाहिए और कौन सी गाय को आंटी। घोष ने कहा कि केवल देसी गाय ही हमारी मां है जबकि विदेशी गाय आंटी जैसी हैं।