रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में बोला कि सरकार इंडियन रेलवे वे का निजीकरण नहीं कर रही है, बल्कि यात्रियों को अच्छी सुविधा के लिए प्राइवेट प्लेयरों की आउटसोर्सिंग कर रही है. प्रश्नकाल के दौरान सवालों का जवाब देते हुए गोयल ने कहा, “हमारा उद्देश्य बेहतर सेवा व फायदा मुहैया कराना है, न कि इंडियन रेलवे वे का निजीकरण करना. इंडियन रेलवे वे हमेशा से हिंदुस्तान व हिंदुस्तान के लोगों की संपत्ति है.
पीयूष गोयल ने बताया कि अगले 12 वर्षों में रेलवे को 50 लाख करोड़ रुपये की जरूर है व इसे इंडियन रेलवे वे अपने दम पर पूरा नहीं कर सकता. रेल मंत्री ने बजट संबंधी रुकावटों व अन्य चुनौतियों की ओर संकेत करते हुए कहा, “सदस्यगण हर दिन नयी लाइनों व बेहतर सेवाओं की मांग के साथ आते हैं. अगले 12 वर्षों के लिए 50 लाख करोड़ रुपये का बंदोबस्त करना हिंदुस्तान सरकार के लिए संभव नहीं है. हम सभी जानते हैं.”