अगर आप उन 1.23 करोड़ लोगों में से हैं जो GST रिटर्न भरते हैं तो ये ध्यान रखें कि रिटर्न भरने की आखिरी तारीख का इंतज़ार बिल्कुल नहीं करना है बल्कि उसके पहले ही जीएसटी रिटर्न भर देना है, क्योंकि आखिरी दिन की भीड़ में आपके रिटर्न नहीं भर पाने का बहाना अब नहीं चलेगा और ये बहाना भी नहीं चलेगा कि GSTN वेबसाइट काम नहीं कर रही। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत CBIC के मुताबिक ”GSTN वेबसाइट के बारे में जो लोग ये कह रहे हैं कि वेबसाइट का नहीं कर रही वो जान लें कि वेबसाइट ठीक काम कर रही है जो रिटर्न भरने में जो समस्या आई है वो आखिरी समय पर एक साथ रिटर्न भरने की वजह से थी। किसी भी समय पर एक बार में डेढ़ लाख रिटर्न एक साथ भरे जाते हैं और अगर आखिरी दिन का इंतज़ार करेंगे तो रिटर्न भरने में समय लगेगा.”
हर महीने की 20 तारीख GST रिटर्न भरने के लिये तय है। 1.23 करोड़ करदाता में से करीब 88 लाख करदाता GSTR3B रिटर्न भरते हैं। इस रिटर्न फॉर्म में अनुमानित लेन-देन (Inward outward Supply) का ब्यौरा होता है। नंबबर महीने की गुजरी 20 तारीख को तो 18 लाख से ज्यादा करदाताओं ने GSTR3B रिटर्न दाखिल किया। जो पिछले महीने की तुलना में 6 लाख ज्यादा हैं।
जानकारों के मुताबिक कुछ लोग जो जीएसटी भरने में आनाकानी कर रहे थे या ये सोच रहे थे कि इस बार भी GST भरने की तारीख आगे बढ़ सकती है उन्हे एकदम लगा कि अब आनाकानी करने से काम नही चलेगा और फिर अचानक वो आखिरी तारीख यानि 20 नवंबर को जाग गए और जीएसटी रिटर्न भरने लगे, लेकिन एक बार में डेढ़ लाख लोगों के रिटर्न भरने की वजह से उन्हें GSTN वेबसाइट की अपनी बारी के लिये इंतज़ार करना पड़ा। इसी बात की वजह से लोगों ने अपवाह फैला दी कि वेबसाइट काम नहीं कर रही जबकि वेबसाइट काम कर रही थी, तभी तो 18 लाख से ज्यादा रिटर्न भरे गए। इस घटना के पहले और बाद में भी CBIC की तरफ से कहा गया कि रिर्टन भरने के लिये आखिरी समय का इंतज़ार करने की बजाए पहले ही इस काम को निपटा दें।
ये तो हुई रिटर्न समय पर भरने की बात पर अगर आपने रिटर्न जानबुझ कर नहीं भरा और लगातार दो महीने तक नहीं भरा तो आपके व्यापार के लिये ये खतरे की घंटी साबित हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक CBIC जो सख्ती करने जा रहा है वो वाकई सख्त है। अगर आपने दो महीने लगातार रिटर्न नहीं भरा तो हो सकता है कि आपका ई-वे बिल जनरेट ही न हो और आपके लिये आपके जीएसटी नंबर पर कोई और भी ई-वे बिल जनरेट नहीं कर पाएगा। जो लोग इस राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार करते हैं उनके लिये ई-वे बिल बहुत राहत का का करता है ई-वे बिल दिखा कर उनका सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने ले जाने में आसानी होती है।
जब ई-वे बिल जनरेट ही नहीं होगा तो कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ेगा इसलिये बेहतरी इसी में है कि लगातार रिटर्न भरें। हालांकि सख्ती यहीं नहीं रुक रही बल्कि तैयारी इस बात की भी है कि अगर 6 महीने तक अगर GST रिटर्न नहीं भरा गया तो आपका GST रजिस्ट्रेशन कैंसल भी हो सकता है। यानि भलाई इसी में है कि GST रिटर्न भरा जाए और समय पर भरा जाए।