लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि प्रदेश के किसान, बुनकर तथा आम उपभोक्ता बिजली की बढ़ी दरों और विद्युत विभाग के मनमाने रवैये से पीड़ित और क्षुब्ध है। भाजपा सरकार की बिजली सम्बंधी व्यवस्थाएं जनता को राहत देने के बजाय उल्टे उन्हें और ज्यादा परेशान करने वाली है। समाजवादी सरकार ने बिजली उत्पादन बढ़ाने और लाइनलाॅस कम करने के साथ बिजली आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित की थी। भाजपा सरकार ने आते ही इन सुधारों में पलीता लगा दिया।
प्रदेश में बिजली की दरों में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके उपभोक्ताओं पर भाजपा सरकार ने भारी बोझ डाल दिया है। मंहगी बिजली पहले से ही कर्जदार किसान के लिए जानलेवा है। विद्युत विभाग अपनी खामियां दूर करने के बजाए उपभोक्ताओं को ही दोषी ठहरा रहा है। जनता और विद्युत कर्मचारियों के बीच आए दिन इसीलिए झड़पें होती रहती है। समय से बिजली आपूर्ति नहीं होती है। सिक्योरिटी मनी, मीटर रीडिंग और कनेक्शन के नाम पर उपभोक्ताओं को मानसिक-आर्थिक तौर पर तंग किया जाता है। जनता में भाजपा की गलत नीतियों के प्रति गहरा आक्रोश है।
बिजली उपभोक्ताओं की परेशानियों के सम्बंध में ज्ञापन देने गए मेरठ समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता प्रबन्ध निदेशक (पश्चिमांचल) के रवैये के विरोध में उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। प्रबन्ध निदेशक ने समाजवादी प्रतिनिधिमण्डल को मिलने का समय दिया था, लेकिन जब ज्ञापन देने पहुंचे तो वे मिले ही नहीं। समाजवादी प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी, निवर्तमान जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह तथा निवर्तमान महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी शामिल थे।
मेरठ समाजवादी पार्टी के ज्ञापन में कहा गया है कि मंहगी बिजली का करंट उपभोक्ताओं को लग रहा है। अभी 15 प्रतिशत बिजलीदरों में बढ़ोत्तरी से परेशान उपभोक्ताओं से अब अतिरिक्त सिक्योरिटी धनराशि जबरन वसूली जा रही है। बिना इसके बिल जमा नहीं किए जा रहे है तथा विभाग द्वारा इसकी रसीद भी नहीं दी जा रही है। ज्ञापन में मांग की गई है कि पांच किलोवाट या इससे ऊपर के बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं से अतिरिक्त सिक्योरिटी के नाम पर वसूली तुरन्त बंद की जाए। किसानों को रियायत दी जाए। बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बिजली बिल माफ किए जाए। बुनकरों को दी गई सुविधाए जारी रखी जाए। बिजली बिलों की गड़बड़ी रोकी जाए। किसानों, बुनकरों का उत्पीड़न रोका जाए।
मेरठ समाजवादी पार्टी के धरना में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं तथा जनता की भागीदारी रही। इसमें रिहानुद्दीन, संजीव गुप्ता, विपिन मनेठिया, शोर जाट आदि भी धरना में शरीक हुए। यह ध्यान में रखना चाहिए कि आज जो मेरठ में दुर्दशा है वही अन्य जनपदों में भी है। सभी जगह बिजली उपभोक्ता परेशान है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों का भुगतान जनता को करना पड़ रहा है। सरकार ने एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया, अपने कर्मचारियों के प्राविडेंट फण्ड का पैसा भी दिवालिया कम्पनी को भेंट में दे दिया। ऐसी सरकार से कोई भले की क्या उम्मीद करेगा।