लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुये कहा है कि भाजपा सराकर ने गन्ना मूल्य में बढोत्तरी न करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह किसानों की आमदनी को दुगुना करने तथा किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का काम करेंगे। आज जब उ.प्र. में भाजपा की सरकार है तो किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य तो दूर उनको लागत भी देने में सरकार हीलाहवाली कर रही है।
आज जारी बयान में श्री दुबेे ने कहा कि उ.प्र. सरकार द्वारा गन्ने की कीमतें न बढाई जाने के विरोध में उ.प्र. के किसान आन्दोलन कर रहे हैं। प्रदेश में गन्ना किसान आन्दोलन कर रहे है और दूसरी तरफ सरकार किसान हितैषी होने का ढोंग रच रही है। प्रदेश में गन्ना किसानों का पिछले सत्र् का लगभग 3000 करोड़ तथा वर्तमान सत्र् का लगभग 6000 करोड़ व ब्याज मिलाकर लगभग 12000 करोड़ रूपये आज भी बाकी है। जिसके कारण यहां के किसानों की स्थिति सोचनीय बनी हुयी है। कई चीनी मिलें तो किसानों के कई वर्षाे का भुगतान नहीं कर रही है। मा. उच्च न्यायालय और मा. उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद राज्य सरकार गन्ना किसानों का पूर्ण भुगतान अभी तक नहीं करा पाई है लेकिन सबसे ज्यादा भुगतान करने का ढिंढोरा जरूर पीट रही है।
श्री दुबे ने कहा कि कृषि उत्पादन की लागत में लगातार वृद्धी हो रही है। खाद,बिजली,पानी,बीज व डीजल के मंहगे होने से किसान परेशान है और आर्थिक संकट में है लेकिन उनके संकट के प्रति सरकार जरा भी गम्भीर नहीं है। यही स्थिति उ.प्र. में धान किसानों की भी हो रही है। उ.प्र. में धान क्रय केन्द्र पर अव्यवस्था का माहौल है वहां पर बोरे तक उपलब्ध नहीं हैं। किसानों को परेशान होेकर औने-पौने दामो में बिचैलियों को बेचना पड़ रहा है।