मोदी सरकार अपने आगामी बजट 2020 में I-T एक्ट में एक नए प्रावधान की घोषणा कर सकती है. इस प्रावधान के तहत अधिकारियों को ट्रस्टी की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार दिया जायेगा. इस प्रावधान को वित्त विधेयक, 2020 में शामिल किए जाने की संभावना है. वर्तमान में केवल चैरिटेबल संस्था और न ही व्यक्तिगत ट्रस्टी को टैक्स के उल्लंघन की स्थिति में जवाबदेह ठहराया जाता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सरकार चैरिटेबल ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा लिए गए विदेशी चंदे पर भी कैप लगा रही है, इसे आय के 5-10 प्रतिशत तक सीमित किया जा सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि वर्तमान में शासन की कमी और उचित निगरानी के कारण सार्वजनिक ट्रस्ट मनी लॉन्ड्रिंग का सबसे आसान मार्ग बन गया है. ट्रस्टों का संचालन ज्यादातर अपारदर्शी है और उन्हें ट्रैक करने की कोई व्यवस्था नहीं है.
व्यापारिक भावनाओं को पुनर्जीवित करने और निवेशों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे. मौजूदा कंपनियों के लिए 30% से 22% और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 25% से 15% तक की दर को घटा दिया गया था.