राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने केन्द्र सरकार के बजट को निराश करने वाला और दिशाहीन बताया। इस बजट में उ.प्र. के लिए कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में 4 करोड नौकरियां आयेंगी यह उसी तरह है जैसे 2 करोड नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा किया गया था।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ठप है, व्यापर चैपट है, एयर इण्डिया बिक रही है और एलआईसी को बेचने का निर्णय देशवासियों के लिए एक सदमें जैसा है। एलआईसी बेचने का निर्णय करके भाजपा सरकार ने देश की जनता को यह संदेश दिया है कि वह न तो लोगों की जिंन्दगी के साथ है और न ही जिंदगी के बाद भी।
अनिल दुबे ने कहा कि सही मायने में इस बजट में न तो नौजवान के लिए कुछ है और न ही किसानों के लिए। देश में सबसे बडा मुददा बेरोजगारी है लेकिन उसके बारे में बजट में कुछ भी नहीं है। किसानों के उत्थान और आमदनी बढाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 2022 तक आमदनी को दुगुना करने का वादा तो जरूर किया गया है कि लेकिन किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया।
अनिल दुबे ने कहा कि इस बजट से लोगों को निराशा ही हाथ लगी है आमजन के लिए कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं की रसोई पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और न ही मंहगाई को नियंत्रित करने की कोई योजना बजट में है। कुल मिलाकर बजट को देखकर ऐसा लगता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।