हर व्यक्ति घर में धन दौलत और संपन्नता चाहता है लेकिन कई बार कुछ असावधानियों के चलते घर में पैसे की आवक होने के बावजूद घर में पैसा टिक नहीं पाता। घर में दो-दो लोगों के कमाने के बावजूद खर्चे बढ़ते रहते हैं औऱ पैसा घर में नहीं टिकता। ऐसी परिस्थितियां तब बनती है जब घर में लक्ष्मी स्थिर नहीं हो पाती। यूं भी लक्ष्मी मां चंचला हैं, जरा सी असावधानी होते ही वो घर छोड़कर किसी दूसरे के घर चली जाती हैं। ऐसे में जातक ऐसा क्या करें कि घर में लक्ष्मी के स्थिर वास की संभावना बनी रहे। आइए जानते हैं एक खास उपाय जिसका जिक्र लाल किताब में भी किया गया है और वास्तुशास्त्र भी इसे तर्कसंगत मान चुका है-
झाड़ू को लक्ष्मी मां का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि घर में झाड़ू रूपी लक्ष्मी मां का सदैव आदर करना चाहिए ताकि घर में लक्ष्मी और संपन्नता का वास बना रहे। झाड़ू लगाकर हम घर से दरिद्रता यानी अलक्ष्मी को बाहर करते हैं और इसी के फलस्वरूप लक्ष्मी घर में स्थायी आवास कर पाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लक्ष्मी स्वरूपा झाड़ू को भी घर पर लाने के खास दिन होते हैं। झाड़ू को किसी भी दिन खरीद कर घर लाना भी जोखिम भरा है। वास्तु में कहा गया है कि इसे मंगलवार, शनिवार और रविवार को खरीदना चाहिए, इससे लक्ष्मी घर में स्थायी निवास कर पाती है।
इतना ही नहीं अगर झाड़ू पुरानी हो गई है तो उसे किसी भी दिन फैंकने की बजाय शनिवार के दिन बाहर करें। इस दिन दरिद्रता को बाहर किया जाता है, लेकिन भूलकर भी शुक्रवार को झाड़ू को घर से बाहर मत फैंके क्योंकि यह दिन माता लक्ष्मी का दिन है और इसी दिन लक्ष्मी स्वरूप को घर से बाहर करना घऱ की संपन्नता और स्थिरता को बाहर करने के समान है।
घर में जिस दिन नई झाड़ू लाएं,सबसे पहले एक काम करें, उसके हत्थे पर एक सफेद धागा बांध दें। लाल किताब में कहा गया है कि सफेद धागे से झाड़ू को बांधने पर लक्ष्मी माता भी घर के साथ संबद्ध हो जाती है और फिर घर परिवार छोड़कर नहीं जाती। दूसरी खास बात, अगर आप पर शनि की साढ़े साती, ढैया
या पनौती चल रही है तो शनिवार के दिन झाड़ू भूलकर भी न खरीदें, इससे शनिदेव और ज्यादा नाराज हो जाएंगे। आप कोशिश करें कि रविवार को झाड़ू खरीद लें औऱ शनिवार के दिन उसे घर में पहली बार इस्तेमाल करें।