वाराणसी। अपर सत्र न्यायाधीश (अष्टम) व विशेष न्यायाधीश (उ.प्र. गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम) जनार्दन प्रसाद यादव की अदालत ने प्राणघातक हमला करनें के मामले में आरोपितों को जमानत दे दी है। अदालत ने आरोपित जगदीश नारायण सिंह, रविशंकर सिंह, मनोज सिंह व विशाल सिंह ग्राम सिखड़ी थाना कपसेठी निवासीगण की जमानत अर्जी मंजूर करतें हुए प्रत्येक को एक – एक लाख रुपये एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत राय “चुन्ना राय”, विपीन शर्मा व शैलेन्द्र प्रताप सिंह “सरदार” ने तर्क दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा रमेश सिंह ने थाना कपसेठी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि 18 अप्रैल 2019 को शाम 6 बजे विपक्षीगण जगदीश नारायण, जयप्रकाश, रविशंकर, गोलू, अरूण, मनोज व विकास उसके दरवाजे पर ललकारते हुए साथ में बंदूक व चाकू लेकर आये तो और वादी पक्ष के लोगो को मारने-पीटने लगे, जिसमें कई लोगों का सर फट गया और गाली देतें हुए जान से मारने की धमकी देने लगें।
अधिवक्ताओं ने अदालत में तर्क दिया कि आवेदक/अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में फर्जी तरीके से फसाया गया है। मुकदमा अपराध संख्या प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 147, 323, 504 व 506 भा°द°सं° के अंतर्गत पंजीकृत हुआ था आरोपपत्र में धारा 147, 323, 504, 506 325 व 308 भा.द.सं. के अंतर्गत प्रेषित किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी का कथन है कि अभियुक्तगण हाथ में चाकू और बंदूक लेकर आये थे, जब कि किसी भी घायल के ऊपर धारदार हथियार एवं फायर आर्म की चोटे नहीं पायीं गयीं हैं। प्राथमिकी में जयप्रकाश नारायण सिंह को फर्जी तरीके से नामित किया गया था, जब कि घटना वालें दिन व समय वह अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहें थे। मारपीट किस कारण हुई, यह वादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है।
अधिवक्ताओं ने कहा कि वादी पक्ष के लोगों द्वारा आवेदक/अभियुक्तगण को भी चोटे पहुंचाई गई है, जिसके सम्बन्ध में थाना कपसेठी में 76/19 धारा 147, 323, 506, 352, 504, 421 भा°द°सं° मुकदमा पंजीकृत हैं जो विचाराधीन है। अदालत में अधिवक्तागण ने कहा कि अभियुक्तों द्वारा न तो मारा-पीटा गया है, न ही गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दी गयी है और न ही प्राणघातक हमला किया गया है।
रिपोर्ट-जमील अख्तर