पोषक तत्वों से भरपूर आंवला अचार, मुरब्बा, कैंडीज, जूस, च्यवनप्राश आदि कई रूपों में खाया जाता है. आंवला इम्युनिटी बूस्टर के साथ एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाना जाता है.
आंवला को आयुर्वेद में आमलकी कहा जाता है और इसे सबसे शक्तिशाली फलों में से एक कहा जाता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक, ”आंवला का उपयोग एशियाई चिकित्सा में सदियों से बीमारियों को दूर करने और सेहत को तंदुरुस्त बनाने के लिए किया जाता रहा है. आयुर्वेद के अनुसार, आंवला साइट्रस फल हो जो तीनों दोषों, वात, पित्त और कफ को संतुलित रखने में मददगार है.”
वहीं, बीमारियों की बात करें तो आंवला, मधुमेह, मोटापा, नेत्र विकार, बालों को सफेद नहीं होने देने, चर्म रोग, यूटीआई, पेट में गैस, कब्ज, दिल के रोग, थाइराइड समेत हार्मोनल समस्याओं का भी निदान करता है. लगभग सभी विकारों में आंवला लाभदायक माना जाता है.
इन तरीको से कर सकते हैं आंवला का सेवन:
आंवला
आंवला को फरमेंट कर सकते हैं और हर दिन 1-2 फल खा सकते हैं या थोड़े से नमक के साथ कच्चे आंवले का सेवन कर सकते हैं.
रस
20 मिली आंवले का रस सुबह सबसे पहले गर्म पानी के साथ लेना सेहत के लिए फायदेमंद है. यह कब्ज, सफेद बाल, मधुमेह और वजन घटाने के लिए लाभदायक है.
च्यवनप्राश
च्यवनप्राश का मुख्य घटक आंवला है. ऐसे में आप 1 चम्मच च्यवनप्राश गर्म पानी के साथ या तो सुबह खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद ले सकते हैं. कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ है.
आंवले का मुरब्बा और अचार
सर्दी में बाजार में मिलने वाले ताजे आंवले से आंवले का मुरब्बा या अचार बना सकते हैं और रोजाना अपने खाने के साथ इसका लुत्फ उठा सकते हैं.
पाउडर
आप सुबह खाली पेट 1 चम्मच आंवला पाउडर को 1 चम्मच शहद या गर्म पानी के साथ ले सकते हैं. थायराइड, बालों के झड़ने और हार्मोनल मुद्दों वाले लोगों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है.