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अस्पताल मे ऑक्सीजन वा दवाएं तथा वेंटीलेटर पर्याप्त मात्रा में है उपलब्ध: डॉ. दिनेश शर्मा

बछरावां/रायबरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सफल प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश के अंदर किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन वेंटिलेटर तथा दवाओं की कोई कमी नहीं है हम इस महामारी से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है टीकाकरण के लिए लगातार रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं अकेले बछरावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर 8000 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं तथा इनका टीकाकरण किया जा चुका है टीके के प्रति लोगों में विश्वास पैदा हो रहा है, प्रशासन द्वारा बनाई गई 70000 निगरानी समितियों में जिनके अध्यक्ष ग्राम प्रधान आंगनबाड़ी व आशा बहुएं आदि है ग्रामीण क्षेत्रों में भी खाद्यान्न वितरण से लेकर मरीजों को अस्पताल लाने व परीक्षण कराने में लगी हुई हैं।

यह विचार हैं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के जो उन्होंने बछरावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए अपने निरीक्षण में श्री शर्मा द्वारा कोविड-19 परीक्षण तथा दूसरी मंजिल पर स्थित टीकाकरण केंद्र का भी निरीक्षण किया गया और वहां तैनात कर्मचारियों से विस्तृत वार्ता की गई पत्रकारों से वार्ता करने के दौरान उन्होंने कहा की तीसरी लहर के लिए सरकार पूरी तरह जागरूक है इसके लिए व्यापक तैयारियां अभी से की जा रही वहीं ब्लैक फंगस के बारे में उन्होंने कहा रायबरेली के अंदर 2 मरीज आए थे, जिन्हें इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया परंतु शीघ्र ही रायबरेली के अंदर भी इसके इलाज की व्यवस्था की जाएगी।

श्री शर्मा ने कहा अपने इस भ्रमण के दौरान जनपद के अंदर अधिकारियों तथा चिकित्सकों एवं जनप्रतिनिधियों से हुई वार्ता के आधार पर वह पूरी तरह संतुष्ट हैं और विश्वास है कि शीघ्र ही प्रधानमंत्री मोदी तथा योगी की के कुशल निर्देशन में इस महामारी पर नियंत्रण पा लिया जाएगा एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि 18 से 45 वर्ष की उम्र वालों के लिए टीके की व्यवस्था कब तक हो जाएगी श्री शर्मा ने कहा इसके लिए सरकार प्रयासरत है और शीघ्र ही इसकी व्यवस्था की जाएगी। इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा अस्पताल के अंदर पूरी साफ सफाई चूने का छिड़काव इत्यादि किया गया था पूरा स्टाफ चाक-चौबंद नजर आ रहा था जबकि सर्वविदित है कि अन्य दिनों में 70 प्रतिशत स्टाफ स्टाफ गायब रहता है।

खासकर महिला चिकित्सालय के अंदर महिला डॉक्टर आती ही नहीं है एक, आध आ गई तो रात में रुकना अपनी तौहीनी समझती हैं लगभग 1 वर्ष पूर्व एक महिला डॉक्टर हिना कौसर द्वारा रात में मरीजों को सेवाएं दी जाती थी। परंतु अन्य महिला डॉक्टरों की तिकड़म बाजी के चलते उन्होंने अस्पताल के बाहर मकान ले लिया रात के समय महिला प्रसूति गृह पूरी तरह अनाथ नजर आता है काश इस बात की जानकारी भी उप मुख्यमंत्री को हुई होती।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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