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आदित्य ठाकरे की मांग ‘बेलगावी बनाया जाए केंद्रशासित प्रदेश’; फडणवीस बोले- सदन को बाजार न बनाएं

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के बेलगावी में मराठा भाषी लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने की मांग की।

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वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विधान भवन को बाजार नहीं बनाना चाहिए। बता दें कि सोमवार को कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। महाराष्ट्र एकीकरण समिति के सदस्य विरोध करने लगे।

आदित्य ठाकरे की मांग 'बेलगावी बनाया जाए केंद्रशासित प्रदेश'; फडणवीस बोले- सदन को बाजार न बनाएं

मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना(यूबीटी) आदित्य ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर जश्न का माहौल है, जबकि पड़ोसी राज्य के बेलगावी में हालात बिगड़ रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बेलगावी में मराठा भाषी लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। कल से ही क्षेत्र में हालात बिगड़ गए। हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। पिछले असंवैधानिक मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि वे विवादित क्षेत्र में रहने वाले मराठा भाषी लोगों अतिरिक्त धन देंगे।”

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सवाल किया कि क्या केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बेलगावी को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने के लिए इच्छुक है? उन्होंने कहा, हमारी मांग थी और है कि बेलगावी को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया जाए।

सदन में विपक्ष के हंगामों पर सीएम फडणवीस का पलटवार

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के हंगामों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधान भवन को बाजार नहीं बनाना चाहिए। सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने सवाल किया कि अगर विधानसभा में भीड़ रहेगी तो सदन कैसे चलेगा।

सीएम फडणवीस ने कहा, “मैं जो कहने जा रहा हूं, उससे बहुत सारे विधायक नाराज होंगे, लेकिन विधान भवन के परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हमें उचित कदम उठाने की जरूरत है। मैं इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास इससे बेहतर शब्द भी नहीं था। यह परिसर बाजार नहीं बनना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर विधानभवन में इतनी भीड़ रहेगी, तो सदन कैसे चलेगा?”

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