संभल का नाम आतंकवादी कनेक्शन से जोड़ा जाना कोई नई बात नहीं है। पहली बार यह मामला 2005 में चर्चा में आया था, जब दिल्ली स्पेशल सेल ने 1998 में संभल से लापता हुए दो युवकों को आतंकवादी घोषित किया। इनके पोस्टर जारी कर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए गए थे। इसके बाद से जिले का नाम आतंकवाद से जुड़े मामलों में लगातार उछलता रहा है।
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कई बार यहां से संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट मिली जिससे सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। देश की प्रमुख जांच एजेंसियों के अधिकारी लगातार यहां डेरा डाले रहते हैं। स्थानीय स्तर पर जांच और संदिग्धों पर निगरानी लगातार होती रहती है। 1998 में लापता युवकों का मामला हो या अन्य आतंकी गतिविधियों से जुड़े कनेक्शन संभल हमेशा चर्चा में रहा है।
हालिया हिंसा की घटना ने इस दबाव को और बढ़ा दिया है। इससे न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। संभल के बढ़ते मामलों ने यहां सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन हर पहलू पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
शरजील और सईद अख्तर का पता नहीं चला
शहर के शरजील और सईद अख्तर 1998 में युवा अवस्था में लापता हुए थे। परिजनों ने उनकी काफी तलाश की लेकिन उनका पता नहीं चल सका था। जब कई वर्ष तक उनका पता नहीं चलता तो परिजनों ने दोनों की तलाश भी बंद कर दी थी।
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वर्ष 2005 में पहली बार जानकारी आई थी कि यह आतंक की राह पर चल पड़े हैं। दिल्ली की स्पेशल सेल के अनुसार यह दोनों ही युवक आतंकी बन चुके हैं। इनके पोस्टर और फोटो भी दिल्ली के थानों में लगे हुए हैं। कई बार कई एजेंसियां इन दोनों के मामले में छानबीन करने आ चुकी है।
नवंबर 2023 में आईएसआईएस कनेक्शन
नवंबर 2023 में आईएसआईएस से कनेक्शन में संभल के दो युवक गिरफ्तार किए गए थे। इन युवाओं पर अन्य युवाओं को आतंक की राह पर लाने का आरोप लगा था। अभी मामला विचाराधीन है और दोनों युवक जेल में बंद हैं। इनके संपर्क में रहे कई युवकों की छानबीन एनआईए कर चुकी है।