घंटों चली बहस के बाद आखिरकार सोमवार की देर रात नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया. बिल के पक्ष में 311, जबकि विरोध में 80 वोट पड़े. हालांकि, विपक्ष इसे भारत के लिए काला दिन बता रहा है. इससे पहले बिल को लेकर सदन में दिन भर चर्चा और हंगामा हुआ था. लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार ने इसे राज्यसभा में भी पास कराने की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने आज और कल बुधवार को पार्टी के सभी राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.
माना जा रहा है कि इस विधेयक पर आज ही राज्यसभा में चर्चा और वोटिंग हो सकती है. बिल पर देर रात तक चली बहस के बाद रात करीब पौने 12 बजे वोटिंग की प्रक्रिया को पूरा कराया गया. नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड और रामविलास पासवान के दल ने बिल के पक्ष में वोट किया. इसके अलावा शिवसेना, बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस जैसी गैर बीजेपी पार्टियों ने भी बिल के पक्ष में ही वोट दिया.
नागरिकता संशोधन बिल पर विवाद क्यों ? पहले क्या था और अब क्या?
लोकसभा में बिल को मंजूरी मिलने के बाद बीजेपी राज्यसभा में भी इसे पास कराने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त दिख रही है. पार्टी को बहुमत के लिए जितनी सीटों की दरकार है, वह एनडीए के दलों के अलावा शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल के समर्थन के साथ आसानी से पूरी हो सकती है. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पास कराने के लिए बीजेपी को 239 सीटों के सापेक्ष 120 सीटों के आंकड़े को अपने पक्ष में करने की जरूरत है.
शाह ने दिया हर बात का जवाब
बहस पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी सवालों का जवाब भी दिया. अमित शाह के भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की . बाद में अमित शाह ने भी पीएम मोदी का शुक्रिया किया.